टेलिकॉम सेक्टर के दिग्गज सुनील भारती मित्तल ने शनिवार को कहा कि, भारत को भी फेसबुक और गूगल को सिर्फ इसलिए रोक लगा देनी चाहिए क्योंकि ये दोनों अमेरिकी कंपनियां हैं. मित्तल ने कहा कि उन्हें अमेरिकी संरक्षणवाद से बहुत चिंता नहीं हैं क्योंकि उनका बिजनेस पूरी तरह भारतीय बाजार पर आधारित है, लेकिन जब विदेशी कंपनियां भारत में बड़ा मुनाफा कमा रही हों तो भारतीय कामगारों को अमेरिका जाने से रोकना बिल्कुल गलत है. दरअसल ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका कुछ ज्यादा ही संरक्षणवादी हो गया है.
गौरतलब है कि मित्तल ने कहा, 'अगर आपके सामने ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं कि अर्थव्यवस्था को गति देनेवाले कुशल कामगारों के प्रवेश पर ही पाबंदी लगा दी जाए या भारतीय कंपनियों को सिर्फ इसलिए एक खास सैलरी देने के लिए मजबूर किया जाए ताकि वो उन देशों में प्रतिस्पर्धा के लायक ही नहीं बचें तो मुझे लगता है कि यह उन कंपनियों के खिलाफ अनुचित कार्रवाई है जो अमेरिका में व्यापार करना चाहती हैं.'
दरअसल, मित्तल से यह पूछा गया था कि अगर उनकी कंपनी एयरटेल को किसी खास देश में प्रवेश नहीं दिया जाए तो उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी? इसी सवाल पर मित्तल ने गूगल, फेसबुक और वॉट्सऐप का उदाहरण दिया जिनके भारत में करोड़ों यूजर हैं. इनका हवाला देते हुए मित्तल ने पूछा कि क्या इन कंपनियों को भारत में तब भी संचालन की अनुमति मिलनी चाहिए जबकि इसी तरह के ऐप भारतीय कंपनियों के भी हों?
सुनील भारती मित्तल ने कहा कि, 'जहां एक तरफ तो फेसबुक के 20 करोड़, वॉट्सऐप के 15 करोड़ और गूगल के 10 करोड़ कस्टमर हैं भारत में, तो क्या हमें यह कहना चाहिए कि हम फेसबुक और गूगल का भारत में संचालन नहीं चाहते क्योंकि हमारे पास खुद के ऐप्स हैं.'
मित्तल ने कहा कि उपभोक्ताओं की बड़ी तादाद के मद्देनजर भारत टेक्नॉलजी कंपनियों के लिए बड़ा बाजार है. पिछले कुछ हफ्तों से अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश अपने वीजा नियमों को कड़ा करने में जुटे हैं. आशंका है कि इसका उन भारतीय आईटी कंपनियों की लागत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है जो इन देशों के वीजा पर वहां के ग्राहकों की सेवा के लिए अपने कर्मचारी भेजते हैं.
BHASHA