नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 35 परिजनों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी
से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की और इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने
ट्वीट करके ऐलान किया कि सुभाष बाबू से जुड़ी फाइलें सामने लाने की प्रकिया
उनके जन्मदिन 23 जनवरी से शुरू कर दी जाएगी. पीएम के इस फैसले पर नेताजी
के परिजनों ने खुशी जताई है.
परिजनों की प्रतिक्रिया
नेताजी के परिवार के सदस्यों ने नेताजी से जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए आशा जताई कि यह ऐतिहासिक फैसला अंतत: उनके लापता होने के रहस्य से पर्दा उठाएगा. नेताजी के परिवार के एक सदस्य चन्द्र कुमार बोस ने कहा, ‘वास्तव में आज भारत के लिए स्वतंत्रता दिवस है क्योंकि नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक होंगी.’ चन्द्र कुमार बोस नेताजी परिवार के उन 35 सदस्यों में शामिल हैं, जिन्होंने बुधवार को प्रधानमंत्री से उनके सरकारी आवास पर भेंट की.
PM के कायल हुए परिजन
मोदी की ओर से अगले वर्ष 23 जनवरी से फाइलें सार्वजनिक किए जाने के वादे के बाद, उन्होंने कहा, ‘यह प्रधानमंत्री की इच्छाशक्ति है, काम (सार्वजनिक करना) हो जाएगा.’ उन्होंने रेखांकित किया कि पहले सरकार ने इन फाइलों को छिपाने का प्रयास किया, जबकि मोदी ने उन्हें सार्वजनिक करने का फैसला लिया है. फैसले का स्वागत करते हुए, नेताजी के परिवार की एक अन्य सदस्य चित्रा घोष ने उम्मीद जताई कि फाइलों के सार्वजनिक होने से नेताजी को लेकर पनपे विभिन्न सिद्धांतों के जवाब मिल जाएंगे.
फैसले से खुश रिश्तेदार
ऐसा फैसला नहीं लेने पर पहले की सरकारों की आलोचना करते हुए, चित्रा ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री फाइलें सर्वजनिक करने को तैयार हो जाएंगे, लेकिन इसके लिए तिथि तय करने की आशा नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘यह वाकई में आश्चर्यचकित करने वाला था.’ एक अन्य रिश्तेदार आर्या बोस ने कहा, ‘उन्होंने 23 जनवरी को फाइलें सार्वजनिक करने की दिशा में पहला कदम बताकर हमारी आशाओं को बहुत बढ़ा दिया है. अंतत: आशा है कि नेताजी की मौत पर से पर्दा उठेगा, क्योंकि प्रधानमंत्री ने खुद हमसे वादा किया है.’
परिवार के ही एक अन्य सदस्य अभिजीत रॉय ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नेताजी और आईएनए से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किए जाने की जरूरत पर सहमत हैं. उन्होंने कहा, आपकी भांति मुझे भी दिल से लगता है कि फाइलें सार्वजनिक की जानी चाहिए.’
रोहित गुप्ता