दारू के बार से हार गए बापू, शराबखाने के चलते हटाई गई गांधी की 23 साल पुरानी मूर्ति

इस देश में गांधी ज्यादा जरूरी हैं या शराबखाना? यह सवाल आपको अटपटा लगेगा पर आंध्र प्रदेश में एक जिला प्रशासन को इसका जवाब ढूंढने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. जवाब आपको शर्मसार कर सकता है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2015,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST

इस देश में गांधी ज्यादा जरूरी हैं या शराबखाना? यह सवाल आपको अटपटा लगेगा पर आंध्र प्रदेश में एक जिला प्रशासन को इसका जवाब ढूंढने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. जवाब आपको शर्मसार कर सकता है.

जो शख्स ताउम्र शराबबंदी के लिए लड़ता रहा, वह शराब के एक बार के आगे हार गया. आंध्रप्रदेश के गुंटूर में एक शराब बार के चलते महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटा दिया गया. यह प्रतिमा यहां 23 साल से लगी थी. कुछ दिनों पहले ही इसके पास एक बार खुल गया था. दोनों के पास-पास होने पर शहर के लोगों ने आपत्ति जताई थी.

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लोगों का कहना था कि महात्मा गांधी की मूर्ति के पास बार नहीं हो सकता. यह मामला जब प्रशासन के पास पहुंचा तो उन्होंने हैरान करने वाला फैसला लिया. उन्होंने बार को हटाने के बजाय गांधी की मूर्ति को ही हटाने का आदेश दे दिया. नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि मूर्ति को हटाकर शहर के दूसरे हिस्से में लगाया जाएगा. हालांकि बार के सौ मीटर के दायरे में ही एक मंदिर और मस्जिद भी है.

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