मैत्रीपाला होंगे श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, PM मोदी ने दी बधाई

श्रीलंका राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली है. राजपक्षे लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे. लेकिन तमिल वोटों ने उनके सारे समीकरण बिगाड़ दिए. 

Advertisement
mahinda rajapaksa mahinda rajapaksa

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2015,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

श्रीलंका राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली है. राजपक्षे लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन तमिल वोटों ने उनके सारे समीकरण बिगाड़ दिए. उनके प्रेस सचिव विजयनंदा हेराथ ने कहा कि राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रम सिंघे से मुलाकात कर उन्हें भरोसा दिलाया है कि वह सत्ता हस्तांतरण में किसी प्रकार की बाधा नहीं डालेंगे. इस चुनाव में राजपक्षे का मुख्य मुकाबला कभी उनके सहयोगी रहे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मैत्रीपाला सिरीसेना से था, जिन्हें चुनाव में जीत मिली है.

Advertisement

दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के लोगों को शांतिपूर्ण मतदान के लिए बधाई दी है. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर मैत्रीपाला सिरीसेना को फोन कर उन्हें बधाई भी दी है. पीएम मोदी ने पड़ोसी देश के भावी राष्ट्रपति से कहा है कि भारत श्रीलंका में विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

श्रीलंका में गुरुवार को ही राष्ट्रपति पद के लिए मतदान हुआ था. चुनाव अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर जगहों पर 65-70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. चुनाव मैदान में कुल 19 उम्मीदवार थे.

तमिल वोटों ने बिगाड़े समीकरण

श्रीलंका के तमिल राजनीतिक समूहों ने सिरीसेना की उम्मीदवारी की हिमायत की थी. कुछ कट्टरपंथी बौद्ध समूहों के सामने आने के बाद हिंसा से चिंतित मुस्लिम पार्टियां भी राजपक्षे के विरोध में खड़ी हो गई थीं. इसके अलावा राजपक्षे पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के भी आरोप लगे थे. इस चुनाव में तमिल और मुस्लिम इलाकों में असाधारण रूप से भारी मतदान हुआ और यही कारण रहा कि राजपक्षे के हाथ से सत्ता चली गई. लिट्टे के पूर्वी गढ़ किलिनोच्ची में बड़ी संख्या में लोग पोलिंग बूथ पर पहुंचे थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement