अखिलेश को EVM पसंद नहीं, कहा- नहीं माना EC तो करेंगे 'बैलेट सत्याग्रह'

आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में जुटी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इन चुनावों में अन्य दलों से तालमेल और सीटों के बंटवारे के बारे में फैसला लेने के लिये पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत किया है.

Advertisement
अखिलेश यादव (फाइल फोटो) अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

अजीत तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है. साथ ही अखिलेश ने कहा कि वो इस मांग को लेकर 'बैलेट सत्याग्रह' की तैयारी में हैं.

अखिलेश ने ट्वीट में लिखा, 'हमने फ़ैसला कर लिया है कि अगला चुनाव ‘बैलेट पेपर’ से ही हो और हम चुनाव आयोग से इसकी मांग करेंगे. हम इस मांग को लेकर ‘बैलेट सत्याग्रह’ तक करने को तैयार हैं. देश और लोकतंत्र के भविष्य के लिए हम सबसे अपील करते हैं कि वो EVM को हटाए जाने के लिए हमारा साथ दें.'

Advertisement

कांग्रेस भी कर चुकी है मांग

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कह चुके हैं. हाल ही में कांग्रेस ने अपनी वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था. इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बैलेट पेपर को दोबारा से वापस लाना चाहिए.

उन्होंने कांग्रेस के संकल्प पर बोलते हुए कहा कि चुनाव आयोग को दुनिया के प्रमुख लोकतंत्रों की तरह भारत में भी बैलेट पेपर के द्वारा चुनाव करवाना चाहिए, ताकि चुनाव को लेकर लोगों में विश्वास बना रहे. उन्होंने कहा कि ईवीएम के दुरुपयोग को लेकर तमाम सवाल उठे हैं, जनता और राजनीतिक पार्टियों में ईवीएम के दुरुपयोग और उसके द्वारा चुनावों में हेरफेर को लेकर आशंकाएं हैं, इसलिए देश को बैलेट पर वापस लौटना चाहिए.

Advertisement

कांग्रेस ही नहीं बल्कि विपक्ष की अन्य पार्टियों ने भी समय समय पर बैलेट पेपर से चुनाव की मांग को दोहराया है. हाल ही में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ईवीएम के द्वारा हुए चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद भी बैलेट पेपर से चुनाव की मांग की थी. ऐसे में अगर अखिलेश बैलेट सत्याग्रह की ओर जाते हैं तो 'महागठबंधन' की अन्य पार्टियों का भी सहयोग मिल सकता है, जिससे एक बार फिर विपक्ष को एक होने का मैका मिल जाएगा.

गठबंधन पर फैसला अखिलेश पर

आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में जुटी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इन चुनावों में अन्य दलों से तालमेल और सीटों के बंटवारे के बारे में फैसला लेने के लिये पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत किया है. शनिवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया.

सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा, 'वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समझौते और सीटों के बंटवारे को लेकर सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत किया है. वह इस मामले में जो उचित समझेंगे, फैसला लेंगे.'

नहीं मानी बात तो बंद होगा चुनाव आयोग का दरवाजा

रामगोपाल ने बताया कि कार्यकारिणी बैठक में सभी सदस्यों का मानना था कि अगला लोकसभा चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बजाय मतपत्रों से कराया जाए. इस सवाल पर कि अगर निर्वाचन आयोग मतपत्र से चुनाव कराने की मांग नहीं मानता है, तो यादव ने कहा, 'हम चुनाव आयोग के दरवाजे पर बैठ जाएंगे. न कोई अंदर जा सकेगा और न ही बाहर. गांधी जी की तरह देश में सत्याग्रह ही किया जा सकता है, जो हम करेंगे.'

Advertisement

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तर प्रदेश के ताबड़तोड़ दौरों के बारे में यादव ने कहा, 'अभी तो उन्हें रोजाना ही यूपी का दौरा करना पड़ेगा. समय आने दीजिये.' सम्भल लोकसभा सीट से अपने चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर यादव ने कहा, 'यह फैसला तो पार्टी ही करेगी. अगर वह कहेगी तो हम चुनाव जरूर लड़ेंगे.'

बैठक में शामिल नहीं हुए आजम खां

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आजम खां और शिवपाल यादव समेत कुछ वरिष्ठ नेताओं के शरीक नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर पार्टी महासचिव ने कहा, 'कोई जरूरी है कि सब लोग मौजूद रहें.... 90 प्रतिशत लोग तो मौजूद थे. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव मौजूद थे.'

कौन करेगा गठबंधन की अगुआई

अगले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन की अगुआई कौन करेगा, इस सवाल पर रामगोपाल यादव ने कहा कि दिल्ली में 17 पार्टियों की सरकार है, तो क्या उनके सब नेता खत्म हो गये. केवल मोदी जी ही नेता रह गये हैं क्या.

हार का बहाना तलाश रहा विपक्ष: बीजेपी

इस बीच, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले ही सपा ने ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने का पुराना घिसा-पिटा राग छेड़कर अपनी हार स्वीकार कर ली है. त्रिपाठी ने कहा कि हारे हुए दलों की तरफ से उठाये गये बेबुनियाद सवालों का जवाब देने के लिए जब चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीनें रखकर उसे हैक करने की चुनौती दी तब कोई भी दल ये चुनौती स्वीकार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. ऐसे में एक बार फिर ईवीएम पर राग अलाप कर सपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में होने जा रही अपनी बड़ी हार का बहाना तलाश लिया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement