कर्नाटक के समाज कल्याण मंत्री एच आंजनेय ने कुछ प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की तुलना वेश्यावृत्ति से कर डाली. उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थान आरटीई के नाम पर बच्चों के माता-पिता को प्रताड़ित करते हैं. संस्थानों में कोई मानवीयता या आदर्शवाद नहीं है और वह सिर्फ शिक्षा को बेचने का धंधा चलाते हैं.
आरटीई की वजह से पढ़ने लगे पिछड़े वर्ग के बच्चे
उन्होंने कहा कि आरटीई के आने के बाद पिछड़े वर्ग के बहुत से बच्चों को शिक्षा मिलने लगी. आरटीई कोटे से बच्चों को एडमिशन देते वक्त कई संस्थान उनके माता-पिता को प्रताड़ित करते हैं. आंजनेय ने कहा कि बच्चों को साथ लाकर कई अभिभावकों ने इसकी शिकायतें की हैं. स्कूल के रवैए से उन्हें तकलीफ होती है.
शिक्षा को बेचना वेश्यावृत्ति से भी गिरा काम
उन्होंने कहा कि ऐसे प्राइवेट स्कूलों को इंसानियत, नैतिकता और आदर्शवाद अपनाना होगा. हम शिक्षा को धंधा बनने नहीं देंगे. ऐसे संस्थान जो शिक्षा को बेचते हैं और अभिभावकों को तंग करते हैं. वे सारे वेश्यावृत्ति से भी गिरा हुआ काम करते हैं.
बयान के खिलाफ होगी कानूनी शिकायत
मंत्री के इस बयान पर कर्नाटक के प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने ऐतराज जताया और कर्नाटक शिक्षा आयुक्त के ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया. उन लोगों ने कहा कि गुरुवार को आयुक्त से सामने मंत्री के बयान को लेकर कानूनी शिकायत करने की योजना है.
'घोटाले में शामिल थे मंत्री और उनकी पत्नी '
कर्नाटक एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ इंगलिश मिडियम स्कूल्स के महासचिव डी शशि कुमार ने कहा कि हम मंत्री के इस बयान की निंदा करते हैं. वह जिम्मेदार पद पर काम करते हैं. क्या हम घोटाले में उनके और उनकी पत्नी के शामिल होने की बात नहीं जानते? उनकी शिकायत एक या दस स्कूल के बारे में हो सकती है, लेकिन इसे वेश्यावृति कहना पूरी तरह गलत है.
केशव कुमार / प्रतिभा रमन