धुंध की चपेट में दिल्ली-NCR,मौसम विभाग ने कहा- स्मॉग से कल मिल सकती है राहत

उत्तर भारत की तरफ उत्तरी हवाएं चलेंगी जिससे तापमान में गिरावट की संभावना है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक जब वायुमंडल में महीन कण होते हैं तो इन कणों के आसपास नमी इकट्ठा हो जाती है.  इससे कोहरे के घने होने की संभावना बढ़ जाती है.

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दिल्ली में छाई धुंध दिल्ली में छाई धुंध

सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

दिल्ली-एनसीआर में धुंध का कहर जारी है. राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुबह के समय सफेद धुंध की चादर छाई रहती है. जिसकी वजह से विजिबिलिटी इतनी कम है कि सड़कों पर चलना दूभर हो रहा है. स्मॉग की जहरीली चादर  की वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है.

सुबह के समय छाई धुंध नहीं है कोहरा

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मौसम विभाग के एडीजी डॉ एम महापात्रा ने आज तक से खास बातचीत में कहा कि पिछले दो दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुबह जो धुंध है उसमें विजिबिलिटी हजार मीटर से नीचे जा रही है. रिलेटिव ह्यूमिडिटी 70 फ़ीसदी से ज्यादा रही है. साइंस के मुताबिक इसको कोहरा कहा जाता है. इसके बाद 11 से 2:30 बजे के आसपास जो ऑब्जरवेशन हुए हैं, इसमें रिलेटिव ह्यूमिडिटी 11 बजे के आसपास 33 फीसदी पहुंच गई. फिर भी विजिबिलिटी 1000 मीटर से नीचे है. इसका मतलब यह हुआ कि इसे कोहरा नहीं बोल सकते. मौसम विभाग ने इसे स्मॉग के तौर पर दर्ज किया है. इसलिए सुबह के समय जो धुंध है इस पूरी तरह से घना कोहरा नहीं कहा जा सकता. इसका मतलब यह हुआ यह दोनों का मिला जुला रूप है.

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9 नवंबर को मिलेगी निजात

डॉ महापात्रा ने बताया  की फॉग  या स्मॉग की कंडीशन जो डेवलप होती है, इसके कई कारण होते हैं. पिछले 2 दिनों से जो वेदर है उसका कारण यह है कि एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन निचले स्तर पर बना हुआ है. उन्होंने कहा कि जब कोई एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन निचले स्तर पर होता है तो ऊपर से नीचे हवा बैठती है. इससे निचले स्तर का प्रदूषण बिखर नहीं पाता. उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि 9 तारीख से यह सिस्टम कमजोर पड़ जाएगा और मौजूदा स्थिति से मुक्ति मिलेगी. 10 नवंबर से उत्तर भारत की तरफ उत्तरी हवाएं चलेंगी जिससे तापमान में गिरावट की संभावना है.

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक जब वायुमंडल में महीन कण होते हैं तो इन कणों के आसपास नमी इकट्ठा हो जाती है.  इससे कोहरे के घने होने की संभावना बढ़ जाती है.

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