ऑड-इवन: अब दिल्ली सरकार को हेलीकॉप्टर से बारिश कराने से उम्मीद

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को हटाने के लिए हेलीकॉप्टर बारिश के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रदूषण ही है. दरअसल एक्सपर्ट की मानें तो स्मॉग के दौरान कम विजिबिलिटी में हेलीकॉप्टर लैंडिंग कराना मुश्किल होता है.

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दिल्ली में स्मॉग दिल्ली में स्मॉग

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST

ऑड-इवन रद्द होने के बाद देश की राजधानी दिल्ली को स्मॉग के खतरे से बचाने के लिए केजरीवाल सरकार हेलीकॉप्टर से बारिश करवाने की कोशिश में जुट गई है. मंगलवार शाम पर्यावरण मंत्री ने हेलीकॉप्टर कंपनी पवन हंस, डिफेंस, एविएशन के अलावा तमाम एजेंसियां के अधिकारियों के साथ बैठक की.

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को हटाने के लिए हेलीकॉप्टर बारिश के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रदूषण ही है. दरअसल एक्सपर्ट की मानें तो स्मॉग के दौरान कम विजिबिलिटी में हेलीकॉप्टर लैंडिंग कराना मुश्किल होता है, हालांकि सरकार हर पहलू पर चर्चा कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि बाकी देशों में किस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.

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दिल्ली के 50 किलोमीटर के हवाई दायरे में हेलीकॉप्टर से बारिश कराने के लिए डिफेंस और एविएशन से तालमेल होना बेहद जरूरी है. दरअसल दिल्ली का हवाई ट्रेफिक बेहद व्यस्त रहता है जहां  एक लंबे वक्त के लिए खास प्लान और तकनीक की जरूरत होती है. फिलहाल हेलीकॉप्टर कंपनियां और सरकार के बीच इस मसले पर लंबी बैठकों के बाद ही कोई समाधान निकल सकता है.

पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने 'आजतक' से बातचीत के दौरान बताया कि स्मॉग दिल्ली ही नही पूरे नार्थ इंडिया की समस्या है. हुसैन ने कहा कि दिल्ली में 12 महीने वाहन चलते हैं लेकिन हर साल प्रदूषण सिर्फ इस मौसम में ही क्यों होता है? क्योंकि इस वक्त पड़ोसी राज्यों में पराली बड़ी तादात में जल रही है.

राजधानी में दोपहिया और 4 पहिया वाहनों की संख्या को कंट्रोल ना कर पाने के सवाल पर इमरान हुसैन का कहना कि दिल्ली के अंदर जो वाहन रजिस्टर हैं वो तो चल ही रहे हैं, लेकिन दिल्ली से अप-डाउन करने वाले वाहनों  की संख्या भी बेहद ज्यादा है. ऐसे में वाहनों को लेकर सभी राज्यों को मिलकर कदम उठाना होगा.

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