सूरत के उमरवाड़ा इलाके में रविवार की रात को एक 3 मंजिला जर्जर सरकारी आवास की गैलरी गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस दुर्घटना में घायल हुए सभी लोगों को शहर के सिविल अस्पताल और स्मीमेर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सूरत में घटी इस दुर्घटना को लेकर प्रशासन के अधिकारी देर रात मौका-ए-वारदात पर पहुंचे और घायलों का हालचाल जानने के लिए अस्पताल भी गए.
इस दुर्घटना की खबर मिलते ही बचाव दल मौके पर पहुंच गया था और राहत कार्य शुरू कर दिया था. बाद में बचाव दल ने गिरने वाले गैलरी के बाकी बचे जर्जर हिस्से को भी खींचकर ढहा दिया था. जिस वक्त टेनामेन्ट की यह गैलरी गिरी उस वक्त वहां धार्मिक कार्य चल रहा था और लोग खाना खाने के लिए इकट्ठा हुए थे. दमकल विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस दुर्घटना में 4 लोगों की मौत हुई है जबकि करीब 12 लोग घायल हुए हैं.
सूरत महानगर पालिका के इस टेनामेन्ट में घटी घटना को लेकर म्युनिसिपल कमिश्नर और भाजपा विधायक सहित मनपा के कई पार्षद घायलों को देखने के लिए सूरत के सिविल अस्पताल में पहुंच गए थे. इस दुर्घटना में मृतकों की संख्या दमकल अधिकारी ने 4 बताई जबकि म्यूनिसिपल कमिश्नर ने 3 बताई है.
उमरवाड़ा इलाके में महानगर पालिका के कई ऐसे टेनामेन्ट है जिन्हें 2014 में महानगर पालिका ने जर्जर होने पर खाली करने का नोटिस दिया था. लेकिन, यहां रहने वाले लोगों ने अपने घरों को खाली नहीं किया था. अब इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई है, दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. ऐसे में इस घटना का जिम्मेदार कौन है ये सवाल उठ रहा है. म्यूनिसपल कमिश्नर से जब ये सवाल पूछा गया तो वे बगलें झांकते नजर आए. जबकि, उमरवाड़ा क्षेत्र से कांग्रेस के पार्षद असलम साइकिलवाला इस दुर्घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
सूरत शहर में ये कोई पहला मौका नहीं है जब सरकारी इमारत के ढांचे गिरने की घटना हुई है इससे पहले भी इस तरह की घटनाओं में लोगों की जानें जा चुकी हैं. मगर बावजूद इसके प्रशासन जर्जर इमारतों को लेकर कोई गंभीरता से कार्यवाही नहीं कर रही है. एक बार फिर इस तरह की घटना ने तीन लोगों की जान ले ली है, आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
गोपी घांघर