पटरी पर लौट रही देश की इकोनॉमी! जून में 90 हजार करोड़ के पार हुआ GST कलेक्शन

सरकार ने जून में जीएसटी से 90,917 करोड़ रुपये एकत्र किए. ये आंकड़ा मई में 62,009 करोड़ रुपये और अप्रैल में 32,294 करोड़ रुपये था.

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ऐश्वर्या पालीवाल

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

  • सरकार ने जून में जीएसटी से 90,917 करोड़ रुपये एकत्र किए
  • मई में 62,009 करोड़ रुपये, अप्रैल में 32,294 करोड़ रुपये था

कोरोना संकट काल के बीच इकोनॉमी के मोर्चे पर एक राहत की खबर है. दरअसल, जून महीने में जीएसटी के कलेक्शन में इजाफा हुआ है. आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक सरकार ने जून में जीएसटी से 90,917 करोड़ रुपये एकत्र किए.

वहीं जीएसटी कलेक्शन, मई में 62,009 करोड़ रुपये और अप्रैल में 32,294 करोड़ रुपये था. आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान यानी अप्रैल और मई में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े नहीं जारी किए गए थे. यह पहली बार है कि इन दोनों महीनों के भी आधिकारिक आंकड़े सामने आए हैं.

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क्या कहा गया बयान में

आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘जून, 2020 में एकत्र जीएसटी राजस्व 90,917 करोड़ रुपये रहा, जिसमें केंद्र का सीजीएसटी 18,980 करोड़ रुपये और स्टेट का एसजीएसटी 23,970 करोड़ रुपये है. इसके अलावा आईजीएसटी 40,302 करोड़ रुपये (माल के आयात पर जमा किए गए 15,709 करोड़ रुपये सहित) और सेस 7,665 करोड़ रुपये हुए हैं.’’

पिछले साल से 9 फीसदी की कमी

पिछले साल में जून के कलेक्शन से तुलना करें तो 9 फीसदी की कमी देखने को मिलती है. हालांकि, सरकार ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में राहत दी है. जून 2020 के दौरान अप्रैल, मार्च और यहां तक कि फरवरी के रिटर्न भी दाखिल किए गए.

लॉकडाउन के दौरान का हाल

लॉकडाउन के दौरान यानी अप्रैल और मई में जीएसटी कलेक्शन में बड़ी गिरावट आई है. एक साल पहले से तुलना करें तो अप्रैल में कलेक्शन 72 फीसदी लुढ़क कर 32,294 करोड़ रहा तो वहीं मई में 38 फीसदी की गिरावट आई और यह 62,009 करोड़ था. वहीं तिमाही आधार पर देखें तो पिछले साल के मुकाबले इस बार 41 फीसदी कम जीएसटी कलेक्शन हुआ है.

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सरकार के लिए राहत

जीएसटी कलेक्शन में इजाफा आर्थिक बोझ से जूझ रही केंद्र सरकार के लिए राहत की खबर है. दरअसल, चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान राजकोषीय घाटा बढ़कर 4.66 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमानों का 58.6 प्रतिशत हो गया. टैक्स कलेक्शन कम रहने के कारण राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी हुई है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा बजट अनुमानों का 52 प्रतिशत था.

ये पढ़ें—GST के तीन साल पूरे, लागू करने के पीछे थे ये 5 मकसद, मंजिल अब भी दूर

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा फरवरी में पेश किए गए बजट में सरकार ने 2021-21 के लिए राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का लक्ष्य तय किया था. हालांकि, अब कोरोना वायरस के प्रकोप से पैदा हुए आर्थिक व्यवधानों को देखते हुए इन लक्ष्यों में संशोधन किया जाना है.

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