रामलला की पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट परासरण का घर होगा राम मंदिर ट्रस्ट का मुख्यालय

सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट परासरण के आवास को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के मुख्यालय के रूप में भारत के राजपत्र में दर्ज कर लिया गया है.

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट परासरण (फोटो: www.revenuebar.org) सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट परासरण (फोटो: www.revenuebar.org)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में सुनाया था फैसला
  • कोर्ट ने सरकार को दिया था ट्रस्ट बनाने का आदेश
  • विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को बनाया गया ट्रस्टी

मोदी सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट केशवन अय्यंगार परासरण की अध्यक्षता में इस ट्रस्ट का गठन किया गया है. इस ट्रस्ट का गठन 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास' के नाम से किया गया है.

Advertisement

देवताओं के वकील के नाम से प्रख्यात 92 वर्षीय केशवन अय्यंगार परासरण के आवास और कार्यालय को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का मुख्यालय बनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट में रामलला को मुकदमा जिताने वाले सीनियर एडवोकेट केशवन अय्यंगार परासरण के आवास में कार्यालय भी है, जिसका पता है- R-20 ग्रेटर कैलाश पार्ट-1, नई दिल्ली.

अब परासरण का आवास और कार्यालय अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के मुख्यालय के रूप में भारत के राजपत्र में दर्ज हो गया है. हालांकि परासरण अब भी अपने एक और मुवक्किल श्री अय्यप्पा स्वामी के लिए दलीलों की तैयारियों में व्यस्त हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास में कुल 15 सदस्य होंगे, जिनमें से 9 स्थायी होंगे और 6 अस्थायी होंगे. यह ट्रस्ट अब अयोध्या में 66 एकड़ जमीन पर राम मंदिर का निर्माण कराएगा. इसके साथ ही क्षेत्र के विकास की योजना बनाकर उनका क्रियान्वयन कराने का दायित्व भी इसी ट्रस्ट पर होगा.

Advertisement

इसे भी पढ़ें: राम मंदिर ट्रस्ट पर बोले केजरीवाल- अच्छे काम की कोई टाइमिंग नहीं होती

अयोध्या राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को राम मंदिर ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया गया है. ट्रस्ट के बाकी सदस्यों के नाम की घोषणा कमिश्नर करने वाले हैं. बुधवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी देने की घोषणा की थी. इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा.

वहीं, राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाए जाने की घोषणा का विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने स्वागत किया है. विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि विश्वभर के हिंदुओं के लिए यह आनंद का समय है. राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया था, उस आदेश का मोदी सरकार ने पालन और अपने दायित्वों का निर्वहन किया है. उन्होंने यह भी अपील की कि अब भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य दिव्य मंदिर के निर्माण का कार्य जल्द शुरू हो.

इसे भी पढ़ें: बाबरी मस्जिद के लिए मिली 5 एकड़ जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड का IICT

Advertisement

आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया था. शीर्ष कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा के दावे को खारिज कर दिया था. साथ ही सरकार को आदेश दिया था कि वह अयोध्या में ही सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड को मस्जिद के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन मुहैया कराए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने में ट्रस्ट गठित करने का भी निर्देश दिया था. इसके बाद ही मोदी सरकार ने 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास' का गठन किया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement