अरब देशों ने सोमवार सुबह कतर से अपने हवाई, समुद्री और सड़क संपर्क काटने का ऐलान कर दिया. इसके बाद कतर में जरूरी सामान की किल्लत पैदा हो गई है. सोशल मीडिया पर खाली पड़े सुपरमार्केट के सेल्फ के फोटोज की बाढ़ आ गई है. माना जा रहा है कि दुकानदारों ने कमी को देखते हुए सामान स्टॉक करना शुरू कर दिया है.
कतर तेल के कुओं की बहुतायत वाला एक छोटा सा देश है. इस देश का ज्यादातर हिस्सा रेगिस्तान है, जहां खेती नहीं की जा सकती. कतर अपने देश की 99% खाद्य सामग्री के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता है. कतर की 22.4 लाख की आबादी पर इस नाकाबंदी का प्रभाव दिखने लगा है.
कतर की खाने-पीने की जरूरतों का 80 प्रतिशत हिस्सा बड़े खाड़ी देशों से होकर आता है. जिस तरह से उसकी सीमाओं को बंद कर दिया गया है, कतर में बहुत जल्द ही खाद्य संकट पैदा होने वाला है. संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने कतर में चीनी के निर्यात पर भी रोक लगा दी है. अभी रमजान का महीना चल रहा है. इस महीने में चीनी की खपत वैसे भी बढ़ जाती है. ऐसे में लोगों पर इसका असर लाजमी है.
सऊदी अरब की सीमा पर खाद्य सामग्री से लदे हजारों ट्रक रुके हुए हैं, जिन्हें कतर जाना था. बता दें कि कतर में सऊदी अरब की सड़कों के जरिए 40% खाद्य सामग्री आयात होती है.
एक ईरानी अधिकारी ने कहा है कि उनका देश कतर को खाने का सामान समुद्र के जरिए निर्यात कर सकता है. जिसके बाद एक अर्धसरकारी न्यूज एजेंसी फार्स ने कृषि उत्पाद के निर्यातकों के संघ के चेयरमैन रेजा नुरानी के हवाले से कहा है कि ईरान से भेजी गई खाद्य सामग्री 12 घंटों के भीतर कतर पहुंच जाएगी.
केशवानंद धर दुबे