बृहन्न मुंबई नगर निगम (BMC)चुनाव के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन के बारे में शिवसेना 26 जनवरी को फैसला करेगी. दोनों पार्टियों के बीच बातचीत अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है. सामना में कई बार संपादकीय के द्वारा शिवसेना केंद्र सरकार पर हमला करती रही है. ऐसे ही एक संपादकीय में कहा गया था कि, 'सत्ता के अभिमान वाले धूल में मिल जाएंगे.'
कुछ दिनों पहले उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अकेले ही चुनाव में जाने को तैयार रहने के लिए कहा था. माना जा रहा है कि केंद्र में बीजेपी अपने सहयोगी दल शिवसेना के नेताओं का अपमान करती आई है. साथ ही राज्य में भी सत्ताधारी बीजेपी, शिवसेना के प्रति कुछ ऐसा ही रुख अपना रही है. इसी वजह से शिवसैनिक दोनों दलों का गठबंधन नहीं चाहते हैं. बीजेपी मुंबई के बीएमसी की 227 सीटों में से 114 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, लेकिन शिवसेना ने उसे 60 सीट देने की ही पेशकश की है.
शिवसेना को ये भी डर है कि केंद्र और राज्य में सत्ताधारी बीजेपी, हाल के निकाय चुनावों में मिली जीत से उत्साहित होकर बीएमसी चुनाव में ज्यादा सीटों की मांग न कर दे. शिवसेना के एक नेता ने यह तक कहा कि इस बार उद्धव ठाकरे साफ कर चुके हैं कि बीएमसी चुनावों में कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेंगे. अगर बीजेपी को गठबंधन करना है तो कोई मान्य फॉर्मूला ही कारगर साबित होगा. एक संभावना ये भी है कि दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़कर चुनाव के बाद गठबंधन कर सकते हैं.
विरेंद्रसिंह घुनावत