श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा क्यों नहीं फहराते मोदी, पढ़ें उद्धव के 10 वार

शिवसेना 2019 का लोकसभा चुनाव अब अकेले ही लड़ेगी. बैठक को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निशाने पर सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

कमलेश सुतार

  • मुंबई,
  • 23 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का सबसे पुराना सहयोगी दल शिवसेना अब उससे अलग हो गया है. मंगलवार को मुंबई में शिवसेना ने अपनी कार्यकारिणी बैठक में इस बात का ऐलान किया. शिवसेना 2019 का लोकसभा चुनाव अब अकेले ही लड़ेगी. बैठक को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निशाने पर सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे. उद्धव ने पीएम की नीतियों, फैसलों पर जमकर हमला किया. बैठक में उद्धव के बीजेपी-पीएम मोदी पर 10 बड़े वार...

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1. पीएम मोदी हर बार विदेशी मेहमान को गुजरात क्यों ले जाते हैं. इजरायली पीएम को अहमदाबाद क्यों ले गए, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर क्यों नहीं ले गए. पीएम मोदी को इजरायली पीएम के साथ श्रीनगर की लाल चौक पर ले जाना चाहिए था.  

2. पीएम मोदी हमेशा गुजरात की बात करते हैं, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी तेलगु भाषा का समर्थन करते हैं. क्या यह क्षेत्रीय राजनीति नहीं हुई, जब हम मराठियों की बात करते हैं तो हम पर क्षेत्रीय राजनीति करने का आरोप लगाया जाता है.  

3. पीएम मोदी अपने आप को पंत प्रधान कहते हैं, लेकिन हमेशा विदेश में ही घूमते रहते हैं. अगर पीएम लाल चौक पर तिरंगा फहराए तो हमें उनपर गर्व होगा.

4. जो लोग महाराष्ट्र को जातिगत राजनीति के नाम पर बांट कर यहां राज करना चाहते हैं, पहले उन्हें हमारा सामना करना होगा.

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5. केंद्र सरकार सिर्फ पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात करती है. पाकिस्तान के मुद्दे को गुजरात चुनाव के दौरान उछाला गया था, जबकि उसका कोई लेना-देना नहीं था.

6. अगर गाय को मारना पाप है तो भैंस को मारना भी पाप है. ये हमारे हिंदुत्व का सिद्धांत है.

7. उद्धव ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेवी को लेकर दिए बयान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमारे जवान जो देश की रक्षा करते हैं उनके पास असली 56 इंच का सीना है, आप उनका मज़ाक कैसे उड़ा सकते हो.

8. मैं कसम खाता हूं कि हम हर राज्य में हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे.

9. ठाकरे ने दावा किया कि अगर हम अकेले दम पर लड़ेंगे तो 25 लोकसभा सीटें और 150 विधानसभा सीटें जीतेंगे.

10. बीजेपी के साथ हमारा विचारधारा के आधार पर गठबंधन था, लेकिन पिछले तीन साल में उन्होंने हमें नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

गौरतलब है कि 2014 में केंद्र की सत्ता पर नरेंद्र मोदी के विराजमान होने के बाद से ही शिवसेना सख्त तेवर अपनाए हुए है. सत्ता में सहयोगी रहते हुए भी शिवसेना ने मोदी के नेतृत्व सरकार पर जमकर हमले किए हैं. शिवसेना ने नरेंद्र मोदी पर निजी हमले करने से लेकर सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना करती रही है.

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