चीन के शेयर बाजार में आई 7 फीसदी की गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है. सेंसेक्स में गुरुवार के शुरुआती कारोबार में 450 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज हुई जिसके चलते यह 25,000 के स्तर के नीचे आ गया. आपको बता दें कि सेंसेक्स का यह स्तर सितंबर 2015 के बाद का सबसे निचला स्तर है.
प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स फिलहाल 456 अंकों या 1.79 फीसदी की गिरावट के साथ 24,950 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 137 अंकों या 1.78 फीसदी की गिरावट के साथ 7,603 पर कारोबार कर रहे हैं.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 181.63 अंकों की गिरावट 25,224.70 पर खुला. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 67.65 अंकों की गिरावट के साथ 7,673.35 पर खुला.
चीन के शेयर बाजारों में कारोबार रुका
चीन के शेयर बाजारों में कारोबार शुरू होने के आधे घंटे से भी कम समय के भीतर यह बंद हो गया. शेयरों में सात प्रतिशत से अधिक गिरावट आ गई जिसकी वजह से सर्किट ब्रेकर लागू हो गया. चीन की मुद्रा युआन के अवमूल्यन से शेयरों में गिरावट आई है. शंघाई शेयर बाजार में जब कारोबार रुका उस समय शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 7.32 प्रतिशत यानी 245.95 अंक गिरकर 3,115.89 अंक पर था.
दुनियाभर के निवेशकों पर असर
चीन के दूसरे बाजार शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स में भी 8.35 प्रतिशत यानी 178.08 अंक टूटकर 1,955.88 अंक पर पहुंच गया. बाजारों में यह गिरावट दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की चाल सुस्त पड़ने की चिंता में आई है. चीन दुनिया में वस्तुओं का व्यापार करने वाला बड़ा देश है. इसकी अर्थव्यवस्था में गतिविधियां धीमी पड़ने से दुनियाभर के निवेशकों के माथे पर बल पड़ने लगे हैं. विदेशी मुद्रा की निकासी बढ़ने से चीन की घरेलू मुद्रा पर दबाव बढ़ा है.
स्वाति गुप्ता