शेयर बाजार में भूचाल, सेंसेक्स 555 अंक टूटा, निफ्टी 7,568 पर बंद

हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को शेयर बाजार में चार महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स और निफ्टी 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुए.

Advertisement
सेंसेक्स और निफ्टी में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट सेंसेक्स और निफ्टी में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट

स्वाति गुप्ता

  • मुंबई,
  • 07 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 3:43 PM IST

शेयर बाजार हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स कारोबारी सत्र के अंत में 555 अंकों की गिरावट के साथ 24,852 पर और निफ्टी 173 अंकों की गिरावट के साथ 7,568 पर बंद हुआ. आपको बता दें कि शेयर बाजार का यह स्तर सितंबर के बाद का निचला स्तर है.

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 181.63 अंकों की गिरावट 25,224.70 पर खुला और 555 अंकों या 2.18 फीसदी की गिरावट के साथ 24,852 पर बंद हुआ. दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 25,230 के ऊपरी और 24,826 के निचले स्तर को छुआ.

Advertisement

वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 67.65 अंकों की गिरावट के साथ 7,673.35 पर खुला और 173 अंकों या 2.23 फीसदी की गिरावट के साथ 7,568 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,675 के ऊपरी और 7,557 के निचले स्तर को छुआ.

कारोबार के दौरान केर्न इंडिया, वेदांता, टाटा स्टील, बीएचईएल, बैंक ऑफ बड़ौदा, टाटा मोटर्स, ओएनजीसी और एक्सिस बैंक जैसे शेयरों में गिरावट दर्ज हुई.

चीन के शेयर बाजारों में कारोबार रुका
चीन के शेयर बाजारों में कारोबार शुरू होने के आधे घंटे से भी कम समय के भीतर यह बंद हो गया. शेयरों में सात प्रतिशत से अधिक गिरावट आ गई जिसकी वजह से सर्किट ब्रेकर लागू हो गया. चीन की मुद्रा युआन के अवमूल्यन से शेयरों में गिरावट आई है. शंघाई शेयर बाजार में जब कारोबार रुका उस समय शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 7.32 प्रतिशत यानी 245.95 अंक गिरकर 3,115.89 अंक पर था.

Advertisement

दुनियाभर के निवेशकों पर असर
चीन के दूसरे बाजार शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स में भी 8.35 प्रतिशत यानी 178.08 अंक टूटकर 1,955.88 अंक पर पहुंच गया. बाजारों में यह गिरावट दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की चाल सुस्त पड़ने की चिंता में आई है. चीन दुनिया में वस्तुओं का व्यापार करने वाला बड़ा देश है. इसकी अर्थव्यवस्था में गतिविधियां धीमी पड़ने से दुनियाभर के निवेशकों के माथे पर बल पड़ने लगे हैं. विदेशी मुद्रा की निकासी बढ़ने से चीन की घरेलू मुद्रा पर दबाव बढ़ा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement