राज्यसभा में शरद यादव और अरुण जेटली के बीच नोंक-झोंक

नोटबंदी के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली और जेडी-यू नेता शरद यादव के बीच बुधवार को राज्यसभा में तीखे कटाक्ष हुए. जहां जेटली ने नोटबंदी को लेकर जेडी-यू में कथित तौर पर समान राय नहीं होने पर कटाक्ष किया. वहीं शरद यादव ने नोटबंदी के फैसले से वित्त मंत्री के अवगत नहीं होने के कयासों को लेकर तंज किया.

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शरद यादव और अरुण जेटली के बीच नोंक-झोंक शरद यादव और अरुण जेटली के बीच नोंक-झोंक

खुशदीप सहगल

  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

नोटबंदी के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली और जेडी-यू नेता शरद यादव के बीच बुधवार को राज्यसभा में तीखे कटाक्ष हुए. जहां जेटली ने नोटबंदी को लेकर जेडी-यू में कथित तौर पर समान राय नहीं होने पर कटाक्ष किया. वहीं शरद यादव ने नोटबंदी के फैसले से वित्त मंत्री के अवगत नहीं होने के कयासों को लेकर तंज किया.

राज्यसभा की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस, टीएमसी, बीएसपी और एसपी के सदस्य मांग करने लगे कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से सीमा पार से किए जाने वाले हमलों में शहीद हुए 25 जवानों को सदन में श्रद्धांजलि दी जाए. इनका ये भी कहना था कि नोटबंदी के फैसले की वजह से हुई परेशानियों की वजह से 82 लोगों की मौत पर भी सदन में श्रद्धांजलि दी जाए. इसी दौरान शरद यादव और अरुण जेटली के बीच नोंक-झोंक हुई.

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शरद यादव ने कहा कि ये अप्रत्याशित है कि जम्मू के पास नगरोटा में मंगलवार को सेना के शिविर पर हुए आतंकी हमले में मेजर रैंक के दो अधिकारियों समेत 7 सैन्यकर्मी शहीद हो गए, लेकिन उन्हें सदन में श्रद्धांजलि नहीं दी गई. शरद यादव ने नोटबंदी से पैदा हुए हालात के चलते 'करीब 90 लोगों' की जान जाने का भी उल्लेख किया. साथ ही कहा कि सरकार कहती है उसने नोटबंदी देशहित में की है. इसी पर जेटली ने शरद यादव से कहा कि पहले वे अपनी पार्टी में नोटबंदी के मुद्दे पर बात करें और तय करें कि 500 और 1000 रुपये के नोटों पर बैन के पक्ष में हैं या विपक्ष में.

जेटली का इशारा जेडी-यू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर था, जो नोटबंदी के समर्थन में बयान जारी कर चुके हैं. यादव ने पलटवार करते हुए कहा, 'हम नोटबंदी के खिलाफ नहीं हैं. हम लोगों के अपने ही खाते से पैसे निकाल ना पाने जैसी बंदिशों के खिलाफ हैं.' फिर यादव ने जेटली से कहा कि क्या आपके प्रधानमंत्री आपके साथ हैं? क्या वो आपकी सुनते हैं?

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कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में नोटबंदी पर बहस में हिस्सा लेते हुए कहा था कि इस फैसले के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शायद वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी नहीं बताया, नहीं तो वो मेरे कान में जरूर फुसफुसा देते.

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