बिहार: मुजफ्फरपुर में बेशर्म हुई पंचायत, महिला को थूक चटवाया

जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता हैं. यदि कहावत में दम हैं तो बिहार के मुजफ्फरपुर के एक गांव में अब शायद भगवान कभी नहीं आने वाले. यहां जिस तरह की ये शर्मनाक घटना हुई है, उसे देखते हुए गांव में इंसानों के होने पर भी सवाल खड़े होते है. सरेआम भरी पंचायत में एक महिला को थूक चटवाई जाती हैं.

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बिहार के मुजफ्फरपुर में हुई घटना बिहार के मुजफ्फरपुर में हुई घटना

मुकेश कुमार

  • पटना,
  • 06 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता हैं. यदि कहावत में दम हैं तो बिहार के मुजफ्फरपुर के एक गांव में अब शायद भगवान कभी नहीं आने वाले. यहां जिस तरह की ये शर्मनाक घटना हुई है, उसे देखते हुए गांव में इंसानों के होने पर भी सवाल खड़े होते है. सरेआम भरी पंचायत में एक महिला को थूक चटवाई जाती हैं.

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पंचों की पंचायत तमाशा देखती हैं. एक दबंग महिला को थूक चाटने पर मजबूर करता है. दबंग की दबंगई ऐसी कि पंचायत में एक भी मर्द ऐसा नहीं हैं जो इस घटना को रोकने की हिम्मत जुटा सके. हाथ उठा कर उठा कर तमाशा करने वाले और एक दूसरे पर उंगली उठाकर ललकारने वाले युवकों नें इंसान होने की गलतफहमी पाल रखी हैं.

महिला का आरोप है कि उसने अपना घर किराए पर एक दबंग को दे दिया, जिसने मकान खाली करने से इंकार कर दिया. बदले में वो 6 लाख रुपये कि रंगदारी मांगने लगा. यह मामला जब पंचायत में पहुंचा तो वहां महिला को न्याय मिलने की बजाय थूक चाटने पर मजबूर कर दिया गया. इसका वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया.

यह मामला पुलिस तक पहुंचा तो पड़ताल का आदेश दे दिया गया. थूक चाटने का ये कोई पहला मामला नहीं हैं. बल्कि कुछ दिनों पहले ही नालंदा जिले में एक शख्स से सरपंच ने थूक चटवाई थी. जिसका कसूर सिर्फ इतना था कि वो दरवाजा खटखटाए बिना खैनी मांगने घुस गया था. इस पर सरपंच के घर की महिलाओं ने पिटाई भी की थी.

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बताते चलें कि अपने देश में पंचायतें अजीबो-गरीब फरमानों के लिए जानी जाती हैं. कभी कोड़े मारने की सजा, तो कभी हुक्का-पानी बंद करने का फरमान तो आम है, कई बार मौत के बदले मौत की सजा भी दे दी जाती है. मध्य प्रदेश के भिंड में तो एक पंचायत एक बुजुर्ग महिला को अपना घर छोड़कर भीख मांगने का फरमान सुना दिया.

55 साल की कमलेशी देवी को गोवंश की हत्या का दोषी ठहराते हुए पंचायत ने एक हफ्ते के लिए गांव से बाहर निकाल दिया था. इसके साथ ही आदेश दिया कि महिला इस दौरान भीख मांगे और जो पैसे जमा हो उससे इलाहाबाद जाकर गंगा स्नान से खुद को ‘शुद्ध’ करें, फिर ‘कन्या भोज’ कराने के बाद ही अपने घर वापस आए.

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