सेक्स वर्करों की मांग- हमारे काम को करें अपराध श्रेणी से बाहर

सामाजिक पहचान के अलावा यौनकर्म को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने की मांग को लेकर पूरे भारत की यौनकर्मियों ने एक राष्ट्रीय अभियान छेड़ने के लिए हाथ मिलाया है. अपने खिलाफ हिंसा और शोषण खत्म करने के लिए वे कानूनी अधिकार की भी मांग कर रही हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2013,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST

सामाजिक पहचान के अलावा यौनकर्म को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने की मांग को लेकर पूरे भारत की यौनकर्मियों ने एक राष्ट्रीय अभियान छेड़ने के लिए हाथ मिलाया है. अपने खिलाफ हिंसा और शोषण खत्म करने के लिए वे कानूनी अधिकार की भी मांग कर रही हैं.

ऑल इंडियन नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स (एआईएनएसडब्लू) से संबद्ध 13 राज्यों की यौनकर्मियों के प्रतिनिधियों का ‘यौनकर्मियों के अधिकार और इज्जत की रक्षा’ पर दो दिवसीय परामर्श सम्मेलन बुधवार को आरंभ हुआ.

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एआईएनएसडब्लू के सलाहकार समरजीत जाना ने कहा, ‘हमें पता है कि संविधान के अनुच्छेद 14-21 के तहत मिला अधिकार देश के सभी यौनकर्मियों के लिए सच हो, इसके लिए समुदाय को काफी काम करना होगा.’ जाना ने कहा कि कार्यक्रम के समापन पर वे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक ज्ञापन भेंजेंगे. कार्यक्रम में भाग लेने वाले सेक्स कर्मियों ने राज्यसभा सदस्य बरूण मुखर्जी, लोकसभा सांसद बासुदेव आचार्य और राष्ट्रपति मुखर्जी के पुत्र और सांसद अभिजीत मुखर्जी जैसे महत्वपूर्ण लोगों को राखी बांधी.

अभिजीत मुखर्जी ने कहा, ‘एक नए सांसद के रूप में मुझे पता है कि भारत में कानून लागू कराना कठिन है और कानून की व्याख्या एक अन्य समस्या है.’ उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि जो कोई भी सेवा देता है वह कामगार है और हर कामगार को अपना अधिकार मांगने का हक है. लेकिन, दुर्भाग्य है कि हमारे समाज में सेक्स एक वर्जना है. यौनकर्मियों के लिए कानून बनाना होगा और एक सांसद के तौर पर मुझसे जो कुछ भी होगा मैं आपकी सहायता करूंगा.’

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