ताजमहल के आसपास फिर शुरू होगा निर्माण कार्य, सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर हटाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के आसपास बुनियादी सुविधाओं और प्रदूषण न फैलाने वाली गतिविधियों की इजाजत दे दी है.

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ताजमहल (पीटीआई) ताजमहल (पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:22 PM IST

  • ताजमहल के आसपास निर्माण की मिली इजाजत
  • सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी से लेना होगा क्लियरेंस

अब आगरा के ताज संरक्षित क्षेत्र में सभी तरह के निर्माण और औद्योगिक गतिविधियां हो सकेंगी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्देश जारी करते हुए पहले की रोक हटा ली है. यानी कि ताजमहल के आसपास बुनियादी सुविधाओं, प्रदूषण न फैलाने वाली गतिविधियों की इजाजत दी है.

हालांकि इसमें एक पेंच भी है. किसी भी तरह की गतिविधि शुरू करने के लिए सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी से इजाजत लेना जरूरी होगा.

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मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इसमें बैन, कम प्रदूषण वाले उद्योगों पर से ही हटाया गया है. वो भी सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी से इजाजत के बाद. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि अभी भी हैवी इंडस्ट्री पर रोक जारी रहेगी.

इससे पहले बुधवार को पीठ ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को आगरा हवाई अड्डे पर एक अतिरिक्त टर्मिनल बनाने की अनुमति दी थी, लेकिन इस चेतावनी के साथ कि कोई अतिरिक्त विमान इस स्थल पर ना उतरेगा और ना ही उड़ान भरेगा.

सुनवाई के दौरान पर्यावरणविद् एमसी मेहता ने विरोध करते हुए कहा कि अतिरिक्त टर्मिनल के निर्माण के लिए अदालत की अनुमति को हवाई यातायात में वृद्धि के लिए संकेत के रूप में नहीं माना जाना चाहिए. क्योंकि ताज के आसपास के वातावरण के लिए खतरनाक हो सकता है.

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CJI बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत की पीठ ने कहा, "पहली नजर में, हम इस आपत्ति को ठोस आपत्ति मानते हैं और हम इस एयर फील्ड पर हवाई यातायात में वृद्धि का प्रस्ताव नहीं देते हैं."

जिसके बाद केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएनएस नाडकर्णी ने कहा कि सरकार उन पर्यटकों की संख्या का आकलन करने के लिए एक अध्ययन करने के लिए तैयार है जो हवाई अड्डे का उपयोग करते हैं और हाल के वर्षों में उनकी संख्या में वृद्धि हुई है.

अदालत के आदेश में कहा, "हवाई यातायात में वृद्धि की अनुमति देना मुश्किल हो सकता है. इसलिए, हम भारत सरकार को यह निर्देश देना उचित समझते हैं कि यातायात में ऐसी प्रत्याशित वृद्धि को लेकर एक वैकल्पिक स्थल पर विचार करें जहां से हवाई जहाजों को संचालित किया जा सकता है."

पीठ ने कहा कि सरकार आगरा में ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (TTZ) के लिए नए हवाई क्षेत्र से यात्रियों को लाने के लिए रेलवे पैलेस ऑन व्हील्स 'जैसी ट्रेनों पर विचार कर सकता है.

पीठ ने कहा, "भारत संघ भी पर्यटकों की वृद्धि की समस्याओं को हल करने के लिए रेलवे को शामिल करने पर विचार करेगा. इस तथ्य को भी ध्यान में रखें कि अगर यह क्षेत्र प्रदूषित होगा तो कोई भी दिलचस्पी नहीं लेगा. यानी लोगों और ताज सहित अन्य स्मारकों को नुकसान होगा."

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पीठ ने निर्देश केंद्र को तीन महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. जिसके बाद ही ताजमहल के आसपास हवाई यातायात को बढ़ाने के खिलाफ एक स्थायी प्रतिबंध पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ताज के संरक्षण पर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा है.

इससे पहले मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में निर्माण पर रोक लगाई थी. इस रोक का असल मक़सद ताजमहल को प्रदूषण से सुरक्षित करना था.

सुप्रीम कोर्ट ने स्मारक को प्रदूषण से बचाने के लिए 30 दिसंबर 1996 को फैसला सुनाते हुए ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन घोषित किया था. ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (TTZ) 10,400 वर्ग किमी का परिभाषित क्षेत्र है.

साल 2018 में ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में सुप्रीम कोर्ट ने सभी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी थी. ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी समेत 40 से अधिक संरक्षित स्मारक हैं.

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