SC ने NJAC पर फैसले में संवैधानिक ढांचे की अनदेखी कीः जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की है. जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट लिखी और शीर्षक दिया- NJAC फैसलाः एक वैकल्पिक नजरिया.

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली

विकास वशिष्ठ

  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की है. जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट लिखी और शीर्षक दिया- NJAC फैसलाः एक वैकल्पिक नजरिया.

जेटली ने आयोग को रद्द किए जाने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा कि भारत के संविधान में सबसे अहम संसद है और बाद में सरकार. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग पर दिए फैसले में भारत के संवैधानिक ढांचे को ही नजरअंदाज किया.

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लोकतंत्र में निरंकुशता नहीं चलती
जेटली ने लिखा कि भारतीय लोकतंत्र में ऐसे लोगों की निरंकुशता नहीं चल सकती जो चुने नहीं गए हों. न्यायपालिका को मजबूत बनाने के लिए किसी को संसदीय संप्रभुता को कमजोर करने की जरूरत नहीं है. यदि चुने गए लोगों को कमजोर किया गया तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा.

दिया सह-अस्तित्व का विकल्प
जेटली ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और संसद की संप्रभुता के बारे में चिंतित होने के नाते मेरा मानना है कि दोनों का सह-अस्तित्व हो सकता है और निश्चित तौर पर होना चाहिए. न्यायपालिका की स्वतंत्रता संविधान का मूल ढांचा है. लेकिन संसदीय संप्रभुता भी न सिर्फ जरूरी बुनियादी ढांचा है बल्कि लोकतंत्र की आत्मा भी है.

यह था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जजों की नियुक्ति‍ के लिए बने NJAC कानून और 99वें संविधान संशोधन को असंवैधानिक करार दिया था. साथ ही यह भी साफ कर दिया था कि जजों की नियुक्ति‍ पहले की तरह कॉलेजियम सिस्टम से ही होगी.

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