महाराष्ट्र में राजनीतिक दंगल जारी है, शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है. अब शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर बीजेपी को गठबंधन धर्म निभाने की याद दिलाई है. संजय राउत ने कहा कि भाजपा को 50-50 फॉर्मूले को निभाना चाहिए, जिसका मतलब कैबिनेट में बराबर की हिस्सेदारी है. साथ ही उन्होंने एनसीपी के साथ जाने की अटकलों पर भी अपने पत्ते खोले और कहा कि राजनीति में विकल्प खुले रहते हैं.
शिवसेना सांसद ने कहा कि दो राज्यों में चुनाव थे, हरियाणा में बीजेपी ने बिना बहुमत के ही सरकार बना ली है. उन्होंने ऐसे संगठन से हाथ मिलाया है, जो उनके खिलाफ था. उन्होंने कहा कि अब अगर सरकार बनने में देरी हो रही है, तो हमारी गलती नहीं है.
एनसीपी के साथ जाने पर संजय राउत ने कहा कि हमने अभी इस पर विचार नहीं किया है, ये काफी जल्दबाजी होगी. हालांकि, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राजनीति में सब संभव है, विकल्प हमेशा खुले रहते हैं जैसे अभी आपको हरियाणा में देखने को मिला है. संजय राउत ने कहा कि चुनाव से पहले विपक्ष को खत्म करने की बात हो रही थी, लेकिन क्या हुआ.
बिना CM पद के मानेगी शिवसेना?
संजय राउत ने कहा कि गठबंधन का धर्म निभाना जरूरी है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं. लोकसभा चुनाव के पहले यही तय हो गया था, जिसका मतलब कैबिनेट पोस्ट में बराबर की हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा कि हमें ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद क्यों नहीं मिलना चाहिए, हम सभी राम में विश्वास रखते हैं तो राम की तरह प्राण जाए पर वचन ना जाए की नीति अपनानी चाहिए.
सरकार बनाने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी को 105 सीटों के साथ सरकार बनाने के लिए कौन रोक रहा है, अगर ऐसा होता है तो ये वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा. क्योंकि सरकार के लिए 145 का आंकड़ा चाहिए. अगर कोई लोकतंत्र की हत्या करना चाहता है, तो ऐसे नहीं चलेगा.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कवायद शुरू हो गई है. सोमवार को शिवसेना के नेता और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात की थी, हालांकि इसे सिर्फ दिवाली पर सामान्य मुलाकात बताया गया.
कमलेश सुतार