साहित्य आजतक 2019: आप भी बनें कला-संगीत के महाकुंभ का हिस्सा, करें रजिस्टर

'साहित्य आजतक 2019' के बड़े स्वरूप व भव्यता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल आमंत्रित अतिथियों की संख्या तीन सौ के पार है.

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साहित्य आजतक 2019 साहित्य आजतक 2019

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST

साहित्य का सबसे बड़ा महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019 ' सजने को तैयार है. इस साल भी यह मेला 1 नवंबर से 3 नवंबर तक राजधानी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में लग रहा है. 'साहित्य आजतक 2019 ' के बड़े स्वरूप व भव्यता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल आमंत्रित अतिथियों की संख्या 300 के पार है. जिनमें कला, साहित्य, संगीत, संस्कृति और किताबों से जुड़ी अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की ऐसी शख्सियतें यहां जुट रही हैं कि आपके लिए नाम गिनना मुश्किल होगा, वहीं यह तय कर पाना भी कि आप कहां, किस मंच पर बैठें. जाहिर है तीनों दिन के कार्यक्रमों का आकर्षण आपको यहीं पर रोके रखेगा.

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इस बार साहित्य आजतक में कई और भारतीय भाषाओं के दिग्गज लेखक भी आ रहे हैं, जिनमें हिंदी, उर्दू, भोजपुरी, मैथिली, अंग्रेजी के अलावा, राजस्थानी, पंजाबी, ओड़िया, गुजराती, मराठी, छत्तीसगढ़ी जैसी भाषाएं और कई बोलियां शामिल हैं. साहित्य आजतक 2019 की शुरुआत सूफी संगीत के दिग्गज कैलाश खेर के गायन से होगी. इसके बाद कवि अशोक वाजपेयी, निर्मला जैन और गगन गिल हमारे दौर के प्रतिष्ठित आलोचक नामवर सिंह और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता लेखिका कृष्णा सोबती को याद करेंगे.

पद्म विभूषण पंडित जसराज , निज़ामी बंधु की कव्वाली, रेखा भारद्वाज का संगीत, विद्या शाह का बापू के नाम, मैथिली ठाकुर की तान, उस्ताद शुजात हुसैन खान का गायन, रुहानी सिस्टर्स की कव्वाली, सलमान अली के सुर, मालिनी अवस्थी की लोक गायिकी, हंस राज हंस की का सूफियाना कलाम, शुभा मुद्गल का गायन, रवि किशन व मनोज तिवारी की भोजपुरिया बातें, गीतकार समीर के किस्से, अनूप जलोटा की गज़लें, पंकज उधास के गानें, इरशाद कामिल का बैंड, मनोज मुंतशिर के गीत, फैशन का जलवा वाले गीतकार संदीपनाथ और शैली के अलावा स्वानंद किरकिरे भी अपनी उपस्थिति से इस आयोजन को खास बनाएंगे.

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