अमेरिका के बाद फ्रांस को रूस का करारा जवाब, 4 राजनयिकों को बाहर निकाला

फ्रांस ने भी रूस के 4 राजनयिकों को निकाला था. फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हम मॉस्को के कदम पर सिर्फ खेद जता सकते हैं. रूस ने यह कार्रवाई यूनाइटेड किंगडम में एक पूर्व जासूस के जहरखुरानी की घटना के बाद उसके राजनयिकों को निष्कासित किए जाने को लेकर बदले की प्रतिक्रिया में की है.

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रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरो रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरो

अजीत तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST

ब्रिटेन में पूर्व जासूस को जहर देने के मामले में फ्रांस द्वारा अपने राजनयिकों को निकालने के जवाब में रूस ने फ्रांस के 4 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है.

दरअसल, फ्रांस ने भी रूस के 4 राजनयिकों को निकाला था. फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हम मॉस्को के कदम पर सिर्फ खेद जता सकते हैं. रूस ने यह कार्रवाई यूनाइटेड किंगडम में एक पूर्व जासूस के जहरखुरानी की घटना के बाद उसके राजनयिकों को निष्कासित किए जाने को लेकर बदले की प्रतिक्रिया में की है.

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बयान में कहा गया है कि इंग्लैंड के सेलिस्बरी में रूस के पूर्व जासूस सर्जेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया को जहर देने के मामले में रूस ने अबतक अपेक्षित स्पष्टीकरण देने से इनकार किया है.

गौर हो कि एक दिन पहले रूस ने अमेरिका के 60 राजनयिकों को देश से बाहर निकाला था, जिनमें से 58 मास्को में अमेरिकी मिशन से जुड़े थे और दो येकेतरिनबर्ग के थे. उन्हें कूटनीतिक दर्जे के अनुरूप अनुचित गतिविधियों के लिए निष्कासित किया गया. रूस ने सेंट पीटर्सबर्ग वाणिज्य दूतावास को भी बंद करने का आदेश दिया था.

बता दें कि अब तक 29 देशों ने यूके के साथ एकजुटता दिखाते हुए 145 रूसी अधिकारियों को निष्कासित किया है. नाटो ने भी बेल्जियम में अपने मिशन से 10 रूसियों को बाहर करने का आदेश दिया है.

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इधर, अमेरिका में व्हाइट हाउस ने कहा कि उसके 60 राजनयिकों को निष्कासित करने और सेंट पीटर्सबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश देने का रूस का फैसला इस बात का संकेत है कि द्विपक्षीय संबंध और बिगड़ रहे हैं.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, 'अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित करने की रूस की कार्रवाई इस बात का संकेत देती है कि अमेरिका-रूस संबंध और बदतर हो रहे हैं.'

गौरतलब है कि रूस ने बदले की कार्रवाई करते हुए अमेरिका के 60 राजनयिकों को 7 दिन के भीतर देश छोड़ने और 48 घंटों के भीतर सेंट पीटर्सबर्ग वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए कहा है. सैंडर्स ने कहा, 'अमेरिका और 24 से अधिक देशों और नाटो सहयोगियों द्वारा इस सप्ताह रूस के अघोषित खुफिया अधिकारियों को निष्कासित करना ब्रिटेन की सरजमीं पर रूस के हमले का उचित जवाब था.'

इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने रूस के 60 राजनयिकों को निष्कासित करने और सिएटल में देश का महावाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया था. सैंडर्स ने कहा कि रूस की प्रतिक्रिया अप्रत्याशित नहीं है और अमेरिका इससे निपट लेगा.

अमेरिका के विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, 'रूस की प्रतिक्रिया को तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता. हमारी कार्रवाई ब्रिटेन, ब्रिटिश नागरिक (पूर्व जासूस) और उनकी बेटी पर हमले की प्रतिक्रिया थी. याद रखे कि यह पहली बार है जब नर्व एजेंट नोविचोक का युद्ध से इतर मित्र देशों की सरजमीं पर इस्तेमाल किया गया.'

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उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनयिकों को निष्काासित करने का रूस का फैसला यह दिखाता है कि वह महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत करने का इच्छुक नहीं है. उन्होंने कहा कि रूसी जासूसों को निष्कासित करने के अमेरिका के फैसले में कई देश शामिल हैं. नोर्ट ने कहा, 'हमने ये कदम अकारण ही नहीं उठाए. हमने दुनियाभर में हमारे सहयोगियों के साथ मिलकर ये कदम उठाए. अमेरिका के साथ 28 देशों ने 153 रूसी जासूसों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.'

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