शहरी क्षेत्रों में विस्तार के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने नई रणनीति अपनाई है. जिसके तहत अलग-अलग शहरों में रिहायशी सोसाइटी को प्रचार का केंद्र बनाया जाएगा. यानी ग्रामीण और सेमी-अर्बन क्षेत्रों से निकलकर आरएसएस के प्रचारक अब बड़े शहरों की सोसाइटी में हर दरवाजे तक पहुंचेंगे.
डोर-टू डोर प्रचार की इस योजना को बढ़ाने के लिए बाकायदा 'अपार्टमेंट्स प्रमुख' नियुक्त किए जाएंगे, जो लोगों तक संघ का संदेश पहुंचाएगा. ये प्रमुख घर-घर जाकर अपनी सोसाइटी या अपार्टमेंट में लोगों तक संघ के विचारों को पहुंचाएंगे और उन्हें अपने साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे.
लिस्ट में दिल्ली की 50 सोसाइटी
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, संघ के प्रचार की इस शहरी योजना के तहत दिल्ली, नोएडा, बंगलुरु, लखनऊ, आगरा, मेरठ और गुड़गांव जैसे शहरों में जहां अपार्टमेंट्स और सोसाइटी कल्चर है, वहां प्रमुख नियुक्त किए जाएंगे. अकेले राजधानी दिल्ली में ऐसी 50 सोसाइटी चिन्हित की गई हैं, जहां प्रचार प्रमुखों की नियुक्तियां की जाएंगी.
आरएसएस कार्यकर्ता ही होगा प्रमुख
अपार्टमेंट प्रमुख की जिम्मेदारी किसी आरएसएस कार्यकर्ता को ही दी जाएगी, जिसे शाखा की जानकारी हो. प्रमुख की जिम्मेदारी ग्रुप मीटिंग करना और सोसाइटी के दूसरे लोगों से बातचीत करना होगी. अपार्टमेंट प्रमुख साप्ताहिक और मासिक कार्यक्रम करेंगे. साथ ही वो लोगों को संघ की शाखाओं में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित भी करेंगे.
दरअसल, आरएसएस का मानना है कि सोसाइटी कल्चर में शहर की बड़ी आबादी शिफ्ट हो रही है. लेकिन इन लोगों तक आरएसएस की शाखा और उसके कार्यक्रम नहीं पहुंच पाते हैं. यही वजह है कि सोसाइटी में रहने वाले समाज के पढ़े-लिखे और नौकरीपेशा तबके के बीच आरएसएस के विचार पहुंचाने के मकसद से अपार्टमेंट प्रमुख नियुक्त करने की योजना बनाई गई है.
जावेद अख़्तर