म्यांमार में लगातार रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों ने एक बार फिर से दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है. भारत समेत सयुंक्त राष्ट्र भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ब्रिक्स समिट के लिए चीन के दौरे के बाद 5 सितंबर से 7 सितंबर तक म्यांमार की यात्रा करेंगे और इस दौरान ये मुद्दा उठ सकता है.
आंकड़ों के मुताबिक अब तक करीब 400 रोहिंग्या मुस्लिमों की हत्या हो चुकी है. वे बड़े पैमाने पर अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ों और नदियों के रास्ते म्यांमार को पार कर बांग्लादेश के कुटुपालंग रिफ्यूजी कैंप की ओर पलायन कर रहे हैं.
म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों को नागरिकता नहीं दी गई है और कई दशकों से इस अल्पसंख्यक समुदाय का उत्पीड़न होता रहा है. रोहिंग्या मुस्लिमों और बहुसंख्यक बौद्ध लोगों के बीच गहरे अविश्वास के कारण रखाइन प्रांत में पहले भी कई बार खूनी संघर्ष हो चुका है.
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि सिर्फ एक हफ्ते में, लगभग 50 हजार रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार के पश्चिमी रखाइन प्रांत से पलायन कर गए. हालांकि बांग्लादेशी सहायता कर्मियों का कहना है कि शनिवार को ही 70 हजार यानी लगभग 10% रोहिंग्या आबादी म्यांमार की सीमा पार कर गई थी.
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म्यांमार रिफ्यूजियों की आप-बीती
म्यांमार रिफ्यूजी हमीदा बेगम ने बताया कि वो हमें पीट रहे थे, गोली मार रहे थे, बहुत से लोगों की जानें भी जा रही हैं. उस समय हमारे पास केवल अपनी जान बचाके भागने के अलावा कोई दूसरा तरीका नहीं था. कई महिलाओं और लड़कियों से मार-पीट और रेप के बाद उनकी हत्या की जा रही है. मेरे पति म्यांमार के एक आम मजदूर हैं. हम किसी तरह से 2 वक्त की रोटी जुटा पाते थे. अब हमारे पास यहां न रहने को छत है, न खाना.
पिछले शुक्रवार को हिंसा के प्रकोप का जिक्र करते हुए हमीदा बेगम ने बताया कि रोहिंग्या उग्रवादियों ने हमला कर म्यांमार के 12 सुरक्षा अधिकारियों की हत्या कर दी थी. इसके बाद सरकार ने सभी रोहिंग्यों को आतंकवादी घोषित करके उन्हें देश से निकलने को कह कर फायरिंग करवा दी जिसमें कई बच्चे-महिलाएं व बुजुर्ग मारे गए. उन्होंने सभी रोहिंग्यों को बिना समय दिए देश छोड़ने को कह दिया और हजारों लोगों को बेघर कर दिया.
रिफ्यूजी मोहम्मद हारून ने बताया कि म्यांमार में बहुत से समुदाय हैं लेकिन सरकार को केवल रोहिंग्या नापसंद हैं. रोहिंग्या म्यांमार की अल्पसंख्यक मुस्लिम जाति है. हम यहां पर सालों से रह रहे थे लेकिन एक पल में उन्होंने हमारा सब कुछ छीन लिया. अगर हम अपने घरों में रहते तो वो हमारे घरों में आग लगा देते.
राम कृष्ण