बढ़ रही सड़क हादसों की संख्या, टू-व्हीलर्स से हो रही 50% से ज्यादा मौत

सड़क हादसों के कई कारण हो सकते हैं. लोग अच्छे हेलमेट नहीं लगाते, बाइक पर 2 से ज्यादा सवारी बिठाते हैं, स्पीड बढ़ा कर चलते हैं. इसके अलावा साड़ी का फंसना, बाइक स्लिप होना भी वजह है.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

केशवानंद धर दुबे / मोनिका गुप्ता / राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 4:21 PM IST

भारत में सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है. इन हादसों में टू-व्हीलर राइडर्स की मौत का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) साउथ ईस्ट एशियन रीजन के एडवाइजर पतंजलि देव नायर ने बताया कि भारत में 50 फीसदी से ज्यादा मौत टू-व्हीलर्स राइडर्स की होती है.

उन्होंने कहा कि सड़क हादसों के कई कारण हो सकते हैं. लोग अच्छे हेलमेट नहीं लगाते, बाइक पर 2 से ज्यादा सवारी बिठाते हैं, स्पीड बढ़ाकर चलते हैं. इसके अलावा साड़ी का फंसना, बाइक स्लिप होना भी वजह है. रोड पर मरने वालों की संख्या टीबी से मरने वाली संख्या के आसपास है. टीबी और एचआईवी से जितनी मौतें नहीं हो रहीं, उतनी रोड एक्सीडेंट हो रही हैं. ड्राइविंग स्पीड, क्वालिटी ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट, रोड डिजाइनिंग और इंफोर्समेंट पर काम करने से ही ये मौतें रुकेंगी.

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डब्ल्यूएचओ ने बताया कि हेलमेट लगाने से 70 फीसदी मौत कम हो जाती है. वहीं आईएसआई हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव कपूर ने बताया कि मार्केट में 50 फीसदी हिस्सा आईएसआई हेलमेट वाला नहीं है. क्योंकि नॉन आईएसआई हेलमेट से पूरा बाजार भरा हुआ है. एसोसिएशन ने सरकार से कहा है कि नॉन आईएसआई हेलमेट को बैन किया जाए.

उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में भी लिखा है कि आपको आईएसआई मार्क का हेलमेट ही पहनना है. लड़कियों, बच्चों के लिए भी हेलमेट हैं. सरकार को चाहिए कि नॉन आईएसआई हेलमेट पहनने को कानूनी अपराध बना दे. हर साल डेढ़ लाख लोग हिंदुस्तान में मर रहे हैं, वो भी बिना हेलमेट के.

बता दें कि बीजेपी सांसद हेमामालिनी का चेहरा भी एक हादसे के बाद क्षतिग्रस्त हो गया था. बीजेपी के नेता गोपीनाथ मुंडे की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है.  

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