पचौरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए याचिका पर हाई कोर्ट ने मांगा सरकार, टेरी से जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट ने टेरी की उस कर्मचारी की एक याचिका पर सरकार से जवाब मांगा है जिसने आरोप लगाया है कि संगठन ने यौन उत्पीड़न की शिकायत के सिलसिले में एक आंतरिक शिकायत समिति की सिफारिश के अनुरूप अपने प्रमुख आरके पचौरी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.

Advertisement
आरके पचौरी (फाइल फोटो) आरके पचौरी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 5:54 AM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने टेरी की उस कर्मचारी की एक याचिका पर सरकार से जवाब मांगा है जिसने आरोप लगाया है कि संगठन ने यौन उत्पीड़न की शिकायत के सिलसिले में एक आंतरिक शिकायत समिति की सिफारिश के अनुरूप अपने प्रमुख आरके पचौरी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.

मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने सरकार, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) और पचौरी के खिलाफ नोटिस जारी करने का निर्देश देते हुए महिला की याचिका पर 16 नवंबर तक जवाब मांगा है. पीठ ने कहा, ‘तीन हफ्तों के अंदर अपना आवश्यक जवाबी हलफनामा दाखिल करें. उसके बाद एक हफ्ते में प्रतिउत्तर दाखिल करें. यह एक ऐसा विषय नहीं है कि हम ऐसे ही खारिज कर दें. इस मुद्दे पर विचार किए जाने की जरूरत है.’

Advertisement

इससे पहले उनके वकील ने अदालत को बताया था कि आंतरिक शिकायत समिति की रिपोर्ट उसकी अर्जी पर एक औद्योगिक न्यायाधिकरण ने 29 मई को रोक लगा दी थी. महिला ने अपनी याचिका में स्थगन आदेश को चुनौती दी थी. साथ ही औद्योगिक न्यायाधिकरण के क्षेत्राधिकार को भी चुनौती देते हुए आईसीसी रिपोर्ट या इसकी सिफारिशों को लागू नहीं किए जाने के खिलाफ अपील की है

इससे पहले महिला की वकील ने अदालत में आरोप लगाया था कि टेरी और इसकी संचालन परिषद इसे दुर्व्यवहार के तौर पर लेने में या पचौरी को निलंबित करने में प्राथमिक तौर पर नाकाम रही जैसा कि आईसीसी ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी. वकील ने टेरी के सेवा निमायों की मांग करते हुए कहा कि सरकार से कोष प्राप्त संगठन के काम करने में पारदर्शिता की कमी है. गौरतलब है कि यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर पचौरी के खिलाफ 13 फरवरी को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement