बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, जनता परिवार में विलय के बाद की गांठ भी उलझती जा रही है. समझा जा रहा है कि सभी छह दल एक झंडा और एक चिन्ह पर सहमत हो भी जाएं, लेकिन 'एक नेता' को लेकर पेंच फंसा हुआ है. जबकि इस बीच नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा है कि विलय को लेकर उनके सुर नहीं बदले हैं.
दरअसल, बिहार में जनता परिवार के विलय की सारी उलझन आरजेडी-जेडीयू के बीच रस्साकसी से जुड़ी हुई है. सूत्रों के मुताबिक, विवाद जनता परिवार के 'एक नेता' को लेकर है. आरजेडी ने नीतीश कुमार के नाम को आगे करने से साफ इनकार कर दिया है. लालू प्रसाद की इस पार्टी में नंबर- दो माने जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी सीधे लफ्जों में कहा है कि मुख्यंमत्री के नाम पर फैसला चुनाव के बाद जीतकर आए विधायकों को करना चाहिए.
दिल्ली में बैठक से किनारा, पटना में बयान
दूसरी ओर, प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मामले को फिलहाल ज्यादा तूल देने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. यही वजह है कि दिल्ली में विलय की बैठक से नीतीश ने भले ही किनार कर लिया हो, लेकिन पटना में सीएम ने कहा कि विलय पर उनके सुर नहीं बदले हैं. नीतीश ने कहा, 'विलय पर हमारे स्टैंड में कोई बदलाव नहीं आया है. हालांकि ऐसा कहते वक्त नीतीश के हाव-भाव साफ बता रहे थे कि महाविलय की डगर में सबकुछ इतना सीधा भी नहीं है.
वहीं, पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने विलय पर पड़े गांठ पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा, 'ये बेमेल गठबंधन था जो जनता के सामने आ गया.'
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