Yes Bank पर RBI ने कसा शिकंजा, सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल सकेंगे ग्राहक

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कर्ज में डूबे यस बैंक पर बड़ी कार्रवाई की है. इसके तहत केंद्रीय बैंक ने बैंक के ग्राहकों को कैश निकालने की लिमिट 50 हजार रुपये तय कर दी है.

Advertisement
कर्ज में डूबा है यस बैंक कर्ज में डूबा है यस बैंक

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 05 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 2:03 PM IST

  • यस बैंक के ग्राहक 1 महीने तक 50 हजार निकाल सकेंगे
  • प्रशांत कुमार, यस बैंक के एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किए गए

अगर आप यस बैंक के ग्राहक हैं तो आपके लिए एक बुरी खबर है. दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये निकासी की सीमा तय की है. जानकारी के मुताबिक आरबीआई का ये आदेश अगले एक महीने के लिए है. अगर आसान भाषा में समझें तो यस बैंक के ग्राहक 1 महीने तक सिर्फ 50 हजार रुपये ही अपने खाते से निकाल सकेंगे. इसके अलावा पूर्व एसबीआई सीएफओ प्रशांत कुमार को यस बैंक का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है.

Advertisement

आरबीआई ने ये कार्रवाई बैंक की आर्थिक हालत को देखते हुए की है. बता दें कि यस बैंक बीते कुछ समय से फंड जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा है. इससे पहले गुरुवार को ये खबर आई थी कि सरकार ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI को यस बैंक में हिस्‍सेदारी खरीदने के लिए कहा है.

बैंक के शेयर में आई तेजी

यस बैंक में एसबीआई की हिस्‍सेदारी की खबर से बैंक के शेयर में 25 फीसदी से अधिक की तेजी आ गई. कारोबार के अंत में यस बैंक का शेयर 36.85 (25.77%) रुपये के भाव पर बंद हुआ. इससे एक दिन पहले 29.30 रुपये के भाव पर बंद हुआ था.

आर्थिक संकट से जूझ रहा यस बैंक

करीब 15 साल पहले शुरू हुए यस बैंक की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. बैंक पर कर्ज बढ़ता जा रहा है तो वहीं शेयर भी टूट रहा है. यस बैंक की बदहाली इतनी बढ़ गई है कि सिर्फ 15 महीने के भीतर बैंक के निवेशकों को 90 फीसदी से अधिक का नुकसान हो गया है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- बजट में बड़ा कदम, बैंक डूबने पर भी सेफ रहेगी 5 लाख तक की रकम

अगस्‍त 2018 में यस बैंक का जो शेयर 400 रुपये से अधिक के भाव पर बिक रहा था वो आज लुढ़क कर 30 रुपये से भी नीचे आ गया है. वहीं सितंबर 2018 में यस बैंक का मार्केट कैप करीब 80 हजार करोड़ रुपये था, जो अब 9 हजार करोड़ के स्‍तर पर आ गया है. इस हिसाब से बैंक के मार्केट कैप में 70 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की कमी आई है.

क्‍यों यस बैंक की हुई ये हालत?

बीते कुछ सालों में यस बैंक को एक के बाद एक झटके लगे हैं. इसमें सबसे बड़ा झटका रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई की ओर से दिया गया. साल 2018 में आरबीआई को लगा कि यस बैंक अपने डूबे हुए कर्ज (एनपीए) और बैलेंसशीट में कुछ गड़बड़ी कर रहा है. इसके बाद आरबीआई ने यस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को पद से जबरन हटा दिया. बैंक के इतिहास में पहली बार था जब किसी चेयरमैन को इस तरह से पद से हटाया गया.

क्यूआईपी के मोर्चे पर भी झटका

इसके अलावा यस बैंक को क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के मोर्चे पर भी झटका लगा. दरअसल, क्‍यूआईपी के जरिए बैंक का जो फंड जुटाने का लक्ष्‍य रखा था वो पूरा नहीं हो सका. बैंक ने क्यूआईपी के जरिए 1,930 करोड़ रुपये जुटाए थे. बता दें कि क्‍यूआईपी, कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने का एक जरिया होता है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- RBI ने SBI के फंसे कर्ज में 11932 करोड़ रुपये का अंतर पकड़ा

इन हालातों में दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियां बैंक को संदिग्‍ध नजर से देख रही हैं और निगेटिव मार्किंग कर रही हैं. इसी के तहत बीते साल अगस्‍त में रेटिंग्स एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने यस बैंक को डाउनग्रेड करके जंक वर्ग में डाल दिया. यस बैंक के मैनेजमेंट में उठा-पटक भी संकट बढ़ा दिया है. हालांकि बैंक की ओर से समय-समय पर मैनेजमेंट में किसी तरह के गतिरोध की आशंका खारिज की जाती रही है.

निफ्टी 50 से बाहर होगा यस बैंक

इसी महीने 27 मार्च को यस बैंक नेशनल शेयर बाजार (एनएसई) के प्रमुख इंडेक्‍स ‘निफ्टी 50’ से बाहर हो जाएगा. इस सूची में टॉप 50 परफॉर्मर कंपनियां होती हैं. इस सूची में अकसर बदलाव होता रहता है. इसमें वही कंपनियां शामिल होती हैं जिनके परफॉर्मेंस और मार्केट कैप में सुधार होता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement