PMC बैंक पर प्रतिबंध 6 माह के लिए बढ़ा, कैश निकालने की लिमिट में इजाफा

रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के ग्राहकों के लिए कैश निकालने की लिमिट बढ़ा दी है. अब बैंक के डिपॉजिटर्स 1 लाख रुपये तक निकाल सकेंगे.

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PMC बैंक पर लगा है प्रतिबंध PMC बैंक पर लगा है प्रतिबंध

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 19 जून 2020,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

  • RBI ने बैंक पर लगे प्रतिबंध को 6 माह के लिए बढ़ा दिया
  • ग्राहकों को राहत देते हुए कैश निकालने की लिमिट बढ़ा दी

आरबीआई की पाबंदी झेल रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों के लिए एक बुरी और एक राहत की खबर है. दरअसल, रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक पर लगे प्रतिबंध को 6 माह के लिए बढ़ा दिया है. वहीं ग्राहकों को राहत देते हुए कैश निकालने की लिमिट बढ़ा दी है. अब बैंक के डिपॉजिटर्स 1 लाख रुपये तक निकाल सकेंगे. अब तक ये लिमिट 50 हजार रुपये की थी. आरबीआई के इस फैसले से करीब 84 फीसदी डिपॉजिटर्स को राहत मिलेगी.

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22 जून को समाप्त हो रही प्रतिबंध अवधि

आपको बता दें कि बीते मार्च महीने में आरबीआई ने 3 महीने के लिए बैंक के प्रतिबंध की अवधि बढ़ा दी थी. दरअसल, 23 सितंबर, 2019 को आरबीआई ने पीएमसी बैंक पर 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगाया था. इस प्रतिबंध की अवधि 22 मार्च 2020 को खत्म होने वाली थी. इस अवधि के समाप्त होने के कुछ दिन पहले प्रतिबंध को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया. अब नए बदलाव के बाद प्रतिबंध के समाप्त होने की नई डेडलाइन 22 दिसंबर 2020 है.

क्‍या है मामला ?

दरअसल, आरबीआई ने नियमों के उल्‍लंघन और गड़बड़ी को लेकर पीएमसी बैंक पर पाबंदी लगाई है. इसी के साथ बैंक के ग्राहकों के कैश निकालने की लिमिट भी तय कर दी गई है. शुरुआती दिनों में बैंक के ग्राहकों के लिए यह लिमिट सिर्फ 1 हजार रुपये थी.

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ये पढ़ें— इस बैंक के ग्राहक मेडिकल इमरजेंसी में निकाल सकेंगे 1 लाख रुपये

हालांकि बाद में आरबीआई ने इस लिमिट को कई बार बढ़ाया है. वहीं पाबंदी की वजह से बैंक के ग्राहक नए लोन भी नहीं ले सकते हैं. इन हालातों में जरूरतमंद ग्राहक बैंक से अपने ही पैसे को नहीं निकाल पा रहे हैं और उन्‍हें रोजमर्रा की जिंदगी में तरह-तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही है.

ये है आरोप

पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट पर आरोप है कि नियमों को ताख पर रखकर हाउिसंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) को लोन दिया गया. बैंक ने यह कर्ज HDIL को ऐसे समय में दिया जब यह कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही थी. वहीं, बैंक ने इस मामले में बैंकों को रेग्‍युलेट करने वाली आरबीआई को गुमराह भी किया.

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