केंद्र की मोदी सरकार ने डिब्बाबंद पेयजल के निर्माताओं को वैकल्पिक पैकेजिंग का निर्देश दिया है. सरकार ने इसके लिए उन्हें तीन दिन का समय दिया है. केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट कर कहा कि डिब्बाबंद पेयजल के निर्माता अगले तीन दिनों में वैकल्पिक पैकेजिंग के साथ आएं.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को प्लास्टिक बॉटल इंडस्ट्री के प्रमुख हितधारकों और विभिन्न मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की. बैठक के दौरान ग्लास, मेटल, पेपर सहित प्लास्टिक के विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई.
बैठक में उपभोक्ता मंत्रालय(सचिव) अविनाश के श्रीवास्तव, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), FSSAI, CIPET, और CSIR के महानिदेशक सहित पर्यावरण और वन, जल शक्ति, पेट्रोलियम, रेलवे के अधिकारियों के साथ कई हितधारकों ने भाग लिया. बैठक में बिसलेरी, किनले और पेप्सी कंपनी जैसे बड़ी निजी कंपनियों के अधिकारी भी शामिल हुए.
समिति का हुआ गठन
रामविलास पासवान ने सोमवार को बताया कि मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया. इस समिति को एक ही बार में या चरणबद्ध तरीके से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर गौर करने का निर्देश दिया गया.
मंत्री ने कहा कि मानव और पशुओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में प्लास्टिक की बड़ी भूमिका है. हमने गायों के पेट में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक पाये जाने की खबरें सुनी है.
पासवान ने कहा कि ‘रीसाइक्लिंग' (पुनर्चक्रीकरण) भी कोई स्थायी समाधान नहीं है. इसलिए एक विकल्प खोजने की जरूरत है, जो समान रूप से सस्ती और विश्वसनीय हो. उन्होंने कहा कि शुद्ध कागज की बोतल भी कोई विकल्प नहीं हो सकता, क्योंकि उससे बनने वाले पैक में कुछ प्लास्टिक मिला होता है. उन्होंने कहा कि हमें इस बैठक के दौरान बोतलबंद पेयजल का कोई ठोस विकल्प नहीं मिला है. इसलिए, मैंने सभी निर्माताओं से अपने सुझाव 11 सितंबर तक भेजने को कहा है.
उन्होंने कहा कि उनकी सिफारिशों को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और अंतर-मंत्रालयी समिति को भेजा जायेगा. पासवान ने कहा कि इस बारे में सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लिया जायेगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं अपील करना चाहता हूं कि प्लास्टिक की वजह से प्रदूषण और विभिन्न बीमारियां फैलती हैं.
अशोक सिंघल