दामाद की बगावत, कहा- पुत्र मोह में धृतराष्ट्र बन गए हैं पासवान

रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु ने बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद बगावती सुर अपनाते हुए कहा कि वो अच्छे वर्कर को नहीं पहचानते, वो उनको पहचानते हैं जो उनका जूता साफ करता हो. साधु यहीं नहीं रुके उन्होंने पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि वो पुत्र मोह में धृतराष्ट्र बन गए हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु ने बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद बगावती सुर अपनाते हुए कहा कि वो अच्छे वर्कर को नहीं पहचानते, वो उनको पहचानते हैं जो उनका जूता साफ करता हो. साधु यहीं नहीं रुके उन्होंने पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि वो पुत्र मोह में धृतराष्ट्र बन गए हैं .

 

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इसके साथ ही अनिल कुमार साधु ने बिहार चुनाव में 40 सीटों पर दलित सेना के उम्मीदवार उतारने का ऐलान भी किया है. दलित सेना के अध्यक्ष साधु ने दलित सेना के सभी जिलाध्यक्षों की बैठक की और जिस तरीके से पार्टी में टिकट का बंटवारा किया गया. इस बैठक में रविवार को रामविलास पासवान का पुतला दहन करने का फैसला किया गया. दलित सेना समाज के कमजोर तबके के लोगों का एक संगठन है जिसे रामविलास पासवान ने शुरू किया था.

 


साधु औरंगाबाद जिले में सुरक्षित सीट कुटुंबा से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन वह सीट पूर्व मुख्यमंत्री और हम के संस्थापक जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन को आवंटित कर दी गयी. साधु ने कहा कि उन्हें टिकट नहीं दिया गया लेकिन रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस और लोजपा प्रमुख के एक अन्य भाई रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज को टिकट दे दिया गया.

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