राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यात्रा बनाम रैली का सिलसिला चल पड़ा है. एक तरफ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी सरकार की उपलब्धियों का तमगा लेकर गौरव यात्रा कर रहीं हैं, तो वहीं कांग्रेस संकल्प रैली की शुरुआत युवाओं में बेरोजगारी, किसानों की बदहाली, कुशासन और सबसे अहम पार्टी के नेताओं में एकता साबित करने के लिए करने जा रही है.
मुख्यमंत्री राजे की गौरव यात्रा का दूसरा चरण 24 अगस्त से मारवाड़ की धरती से शुरू होने जा रही है, इसी के बरक्स कांग्रेस, अजेय भूमि मेवाड़ के चित्तौड़गढ़ से संकल्प यात्रा की शुरूआत भी 24 अगस्त से करने जा रही है. बता दें कि राजस्थान गौरव यात्रा की शुरूआत सीएम राजे ने मेवाड़ के ही राजसमंद से शुरू की थी. क्योंकि राजस्थान की राजनीति में ऐसा माना जाता है कि जो मेवाड़ जीतता है वही राजस्थान जीतता है.
सीएम राजे ने गौरव यात्रा की शुरूआत राजसमंद के चारभुजा नाथ जी के मंदिर से की थी. वहीं कांग्रेस, संकल्प रैली की शुरूआत चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर से करने जा रही है. इन रैलियों के माध्यम से कांग्रेस पार्टी में एकता का संदेश भी देना चाहती है. लिहाजा आलाकमान के निर्देशानुसार इस मौके पर राज्य और केंद्रीय नेतृत्व के तमाम नेता शामिल होंगे. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी, मोहन प्रकाश, भंवर जीतेंद्र सिंह, और पार्टी महासचिव व राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे मौजूद रहेंगे.
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी गौरव यात्रा में सभी संभागों की लगभग हर विधानसभा सीटों पर जा रही हैं, तो वहीं काग्रेस ने सभी 7 संभागों के हर जिले में एक बड़ी रैली करने का फैसला लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जयपुर रोड शो को मिले समर्थन से पार्टी में उत्साह है. हालांकि अभी सीएम राजे के चुनावी क्षेत्र हड़ौती के कोटा संभाग में पार्टी का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है.
बताते चलें कि राज्य में पिछले दिनों हुए अलवर, अजमेर लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. लिहाजा यह कहा जा सकता है कि राज्य में सीएम राजे के खिलाफ नाराजगी है. कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व सचिन पायलट की अगुआई में पूरे प्रदेश का दौरा 'मेरा बूथ, मेरा गौरव' कार्यक्रम के तहत कर चुका है. जिसे लेकर पार्टी का दावा है कि तकरीबन 7 लाख बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार किया गया है.
फिलहाल कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के अंदर की गुटबाजी है, जिसे चुनाव के पहले पार्टी को किसी भी कीमत पर खत्म करना है. इसकी शुरूआत राहुल गांधी जयपुर रैली के दौरान सचिन पायलट और अशोक गहलोत को मंच पर गले मिलवाकर कर चुके हैं.
प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का कहना है कि मुख्यमंत्री राजे की 'गौरव यात्रा' कांग्रेस के 'मेरा बूथ, मेरा गौरव' के जवाब में है, और देखना है कि वसुंधरा राजे कांग्रेस की रैलियों का जवाब किस तरह से देती हैं.
पायलट का कहना है कि कांग्रेस की रैली में पूरा नेतृत्व प्रदेश के सभी नेताओं के साथ मौजूद रहेगा, वहीं बीजेपी की गौरव यात्रा सीएम वसुंधरा राजे के इर्द गिर्द ही घूमेगी.
मोनिका गुप्ता / विवेक पाठक