...और जब राहुल गांधी 'फूल' से बने 'अंगारे'

स्वदेश वापसी के बाद से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अलग मूड में नजर आ रहे हैं. बैंकॉक से वापसी के बाद 10 दिनों में राहुल ने अब तक ऐसा कुछ किया है जो उनके पिछले 10 वर्षों पर भारी पड़ा है.

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

स्वदेश वापसी के बाद से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अलग मूड में नजर आ रहे हैं. कथि‍त तौर पर बैंकॉक से वापसी के बाद 10 दिनों में राहुल ने अब तक ऐसा कुछ किया है जो उनके पिछले 10 वर्षों पर भारी पड़ा है. संसद से लेकर सड़क और अब रेल के जनरल कोच में राहुल के तेवर बदले-बदले से हैं. पहले से ही कहीं ज्यादा आक्रामक, कार्यकर्ताओं से सौम्यता और नई नीतियों का तानाबाना. यानी फूल अब अंगारा बन चुका है!

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राहुल सक्रिय राजनीति में एक दशक से अधि‍क का समय बिता चुके हैं. लेकिन एक दशक बाद वह आज भी एक नेता, जननेता और इन सब के इतर संगठन को शक्ति देने वाले के रूप में कठि‍न श्रम करते नजर आ रहे हैं. पिछली सफलताओं और असफलताओं को भूला दें तो 59 दिनों के 'गुप्तवास' के बाद राहुल की वापसी पहले से ज्यादा ताकतवर और कई मायनों में रणनीतिबद्ध नजर आती है.

1. वापसी की 'जमीन' और री लॉन्चिं‍ग
कांग्रेस खुद को हमेशा से गरीब की हितैषी पार्टी बताती आई है. शायद यही कारण है कि राहुल की वापसी के लिए गरीब और किसानों का मंच तैयार किया गया. 19 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान रैली का आयोजन हुआ और राहुल की री लॉन्च‍िंग भी. गौर करने वाली बात यह कि इस बार मंच पर राहुल के तेवर बदले हुए थे. जुबान पहले से ज्यादा तल्ख थी और तरकश में भूमि बिल समेत कई बाण. इस बार राहुल मंच पर चढ़े तो न नरेंद्र मोदी का नाम लेने से कतराए और न ही हमला करने से. केंद्र सरकार को किसान विरोधी और गरीबों को सरकार से डरा हुआ बताकर राहुल ने रैली के मंच से अपनी जमीन तैयार की. देखें वीडियो: किसान रैली में राहुल के तल्ख तेवर

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2. संसद में बोल वचन और 'सूट-बूट'
किसान रैली के बाद के राहुल के पुर्नजन्म की अगली छवि संसद में देखने को मिली. लोकसभा में राहुल गांधी ने किसान रैली से बेहतर या यह कहें कि अपने अब तक के राजनीतिक करियर का सबसे सटीक भाषण दिया. अज्ञातवास से लौटे राहुल ने कहा, 'मोदी सरकार सूट-बूट वाली सरकार है. सरकार उद्योगपतियों के लिए किसानों को भूल गई है. देश की 60 फीसदी जनता खेती पर निर्भर है, लेकिन मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि इतनी बड़ी आबादी पर गुस्सा क्यों?' राहुल गांधी ने अपने भाषण में आगे कहा कि अच्छे दिन की सरकार फेल हो गई है और किसानों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. देखें वीडियो: संसद में राहुल गांधी का जोरदार भाषण

3. घर से आगे निकलकर ट्रेन का सफर
किसानों के घर में रात का भोजन राहुल पहले ही कर चुके हैं. लेकिन नए तेवर में राहुल इस बार ट्रेन पर सवार हुए. स्वदेश वापसी के 10 दिनों के भीतर राहुल ने ट्रेन के जनरल डिब्बे में सफर किया और यहां भी मोदी सरकार को जमकर कोसा. देखें वीडियो: ट्रेन के जनरल कोच में राहुल गांधी

4. केंद्र में पूंजीपतियों की सरकार
ट्रेन के जरिए पंजाब में किसानों की सुध लेने पहुंचे राहुल ने तहसील खन्ना स्थित एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी का भी दौरा किया. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने सरकार पर तीखे हमले किए. किसान का गेहूं ना उठाने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को सीधे रूप से दोषी ठहराया साथ में उन्होंने यह भी कहा कि बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा भी किसानों को नहीं दिया गया. उन्होंने मौजूदा सरकार को कुछ पूंजीपतियों की सरकार बताया. वीडियो: किसानों से मिले राहुल गांधी

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5. संसद, किसान और राहुल की तिकड़ी
राहुल गांधी पंजाब और हरियाणा के किसानों से मिलने के बाद एक बार फिर संसद में मोदी सरकार को घेरने वाले हैं. बुधवार सुबह मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा, 'PM 'मेक इन इंडिया' की बात करते हैं, लेकिन किसानों से ज्यादा 'मेक इन इंडिया' में कौन योगदान देगा. गरीब जो 'मेक इन इंडिया' करता है तो वो 'मेक इन इंडिया' नहीं कुछ और होता है क्या?' वीडियो: 'मेक इन इंडिया' पर राहुल का वार

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