यौन उत्पीड़न में फंसे TERI के महानिदेशक पचौरी ने वापस ली अपनी जमानत याचिका

'द एनर्जी ऐंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट' (टेरी) के महानिदेशक आरके पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप है. इस बाबत पचौरी ने हाई कोर्ट में दायर अपनी जमानत याचिका वापस ले ली है. पचौरी मामले में राहत के लिए निचली अदालत का रुख कर सकते हैं.

Advertisement
आरके पचौरी आरके पचौरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

'द एनर्जी ऐंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट' (टेरी) के महानिदेशक आरके पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप है. इस बाबत पचौरी ने हाई कोर्ट में दायर अपनी जमानत याचिका वापस ले ली है. पचौरी मामले में राहत के लिए निचली अदालत का रुख कर सकते हैं.

पचौरी की ओर से न्यायमूर्ति एस पी गर्ग के समक्ष दायर जमानत याचिका को सूची से हटा दिया गया था क्योंकि उन्हें राहत के लिए निचली अदालत से संपर्क करना है. हाईकोर्ट स्टाफ ने कहा कि पचौरी की जमानत याचिका को गलती से अधिसूचित कर दिया गया था, क्योंकि उन्हें 23 फरवरी तक के लिए अंतरिम सुरक्षा देते हुए न्यायाधीश ने पहले ही उनसे नियमित जमानत के लिए निचली अदालत का रुख करने के लिए कह दिया था.

Advertisement

जांच के दौरान पुलिस के हिरासत में लिए जाने के डर से अग्रिम जमानत के लिए पचौरी ने उच्च न्यायालय का रुख किया था. इसके बाद न्यायमूर्ति गर्ग ने 19 फरवरी को पचौरी को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा मुहैया कराई थी. इससे पहले आदेश जारी करते हुए अदालत ने उनके आवेदन का निबटारा कर दिया था. उसके बाद पचौरी को जमानत याचिका लेकर निचली अदालत के न्यायाधीश के सामने जाना है.

उच्च न्यायालय ने 19 फरवरी को अपने पूर्व के आदेश में बदलाव कर दिया, जिसमें मीडिया घरानों को द एनर्जी ऐंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के महानिदेशक राजेंद्र कुमार पचौरी के खिलाफ शहर के एक थिंकटैंक की शोध विश्लेषक द्वारा लगाए गए आरोपों को छापने से रोका गया था. मीडिया को इस मामले के बारे में छापने से रोकने के आदेश की मांग करने वाले पचौरी ने सभी आरोपों से इंकार किया और कहा कि वह हैकिंग के शिकार रहे हैं.

Advertisement

याद रहे कि पचौरी पर महिला कर्मचारी के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement