महाराष्ट्र की राजधानी में जैन धर्म के धार्मिक समारोह के मद्देनजर मांस की बिक्री पर चार दिनों की पाबंदी को लेकर गुरुवार को पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हुआ, वहीं राजस्थान में भी प्रतिबंध लगाया गया है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने मुद्दे का राजनीतिक फायदा उठाते हुए मुंबई के उपनगर दादर में प्रतिबंधित वस्तुओं को बेचकर विरोध जताया.
मांस की बिक्री पर पाबंदी मूल अधिकारों का हनन
मनसे के नेता और कॉरपोरेटर संदीप देशपांडे ने संवाददाताओं से कहा, ' हम अधिकारियों को अपने खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती देते हैं. मांस की बिक्री पर पाबंदी अन्यायपूर्ण है, जो हमारे मूल अधिकारों का हनन करता है और एक खास समुदाय को खुश करने का इरादा जाहिर करता है.'
पर्यूषण पर्व के दौरान मांस की बिक्री पर लगी थी रोक
उल्लेखनीय है कि जैन धर्म के पर्यूषण पर्व को लेकर इस हफ्ते की शुरुआत में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने चार दिनों तक मांस की बिक्री पर पाबंदी लगाई है, जबकि इससे सटे थाने के मीरा-भयंदर नगर निगम ने 11-18 सितंबर के दौरान मांस की बिक्री पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है.
प्रतिबंध एक सिद्धांत नहीं हो सकता
बंबई मटन डीलर्स एसोसिएशन की बीएमसी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायाधीश अनूप मोहता की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए नागरिक व राज्य के अधिकारियों को मामले पर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा. मुंबई जैसे महानगर में प्रतिबंध को सुसंगत नहीं करार देते हुए न्यायाधीश मेहता ने कहा कि इस तरह का प्रतिबंध एक सिद्धांत नहीं हो सकता.
इनपुट- IANS
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