नवीन पटनायक के सियासी सफर पर एक नजर...

ओडिशा में लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नवीन पटनायक 17 साल पहले पिता बीजू पटनायक के निधन के बाद एक पार्टी को फिर से मजबूती देने के लिए अनिच्छापूर्वक राजनीति में आए थे.

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नवीन पटनायक नवीन पटनायक

aajtak.in

  • भुवनेश्वर,
  • 22 मई 2014,
  • अपडेटेड 9:21 AM IST

ओडिशा में लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नवीन पटनायक 17 साल पहले पिता बीजू पटनायक के निधन के बाद एक पार्टी को फिर से मजबूती देने के लिए अनिच्छापूर्वक राजनीति में आए थे.

उन्होंने इन सालों में सिर्फ यह साबित नहीं किया कि वह अपनी पिता की विरासत को संभालने के योग्य हैं, बल्कि उन्होंने खुद को देश के सबसे लोकप्रिय और करिश्माई नेता के रूप में भी स्थापित किया.

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67 वर्षीय अविवाहित राजनीतिज्ञ नवीन जैकलीन ओनासिस, मिक जैगर और अन्य हस्तियों से दोस्ती के लिए जाने जाते हैं. नवीन राज्य में सबसे अधिक समय तक सेवा देने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं. किसी भी मुख्यमंत्री ने राज्य में 14 वर्षों से अधिक समय तक सेवा नहीं दी है.

मोदी लहर और सरकार विरोधी लहर से अछूते पटनायक के नेतृत्व में बीजू जनता दल (बीजेडी) ने राज्य की 147 में से 117 विधानसभा सीटों व 21 में से 20 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की.

नवीन पटनायक का राजनीतिक करियर तब शुरू हुआ, जब उन्होंने 11वीं लोकसभा में जनता दल के टिकट पर अस्का लोकसभा सीट से उपचुनाव जीता. यह उनके पिता की पारंपरिक सीट थी, इसके बाद उन्होंने कभी मुड़ कर पीछे नहीं देखा.
अपनी जीत के एक साल बाद उन्होंने पिता के नाम पर बीजेडी का गठन किया. बीजेडी उसी साल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी बन गई थी.

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पटनायक दूसरी बार लोकसभा के लिए 1998 में और तीसरी बार 1999 में चुने गए और केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्रिमंडल का हिस्सा भी रहे.

राज्य विधानसभा के लिए 2000 और 2004 में हुए चुनाव में बीजेडी को क्रमश: 68 और 61 सीटें मिलीं और बीजेपी को 38 और 32 सीटें मिली थीं. इन दोनों का 11 साल पुराना गठबंधन कंधमाल सांप्रदायिक दंगे की वजह से 2008 में टूट गया. उसके बाद बीजेडी ने 2009 में अकेले चुनाव लड़ा. उसी साल विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बीजेडी ने क्रमश: 103 और 14 सीटें जीतीं.

पटनायक सरकार कई विवादों से घिरी रही है, विशेषकर खनन घोटाला, चिटफंड घोटाला और कानून-व्यवस्था की स्थिति इसमें मुख्य हैं, लेकिन इसके कारण उनकी लोकप्रियता प्रभावित नहीं हुई. उनके कार्यकाल में गरीबों के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम उनके लिए फायदेमंद रहा.

16 अक्टूबर, 1946 में कटक में जन्मे नवीन, बीजू पटनायक के छोटे बेटे हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के वेलहाम प्रिपरेटरी स्कूल फॉर बॉयज और उसके बाद की शिक्षा दून स्कूल में हुई है.

स्कूल के दिनों में वह इतिहास के अच्छे छात्र थे. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से 20 साल की उम्र में स्नातक किया है. पटनायक ने भारत और विदेशों में काफी भ्रमण किया है और वह इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इनेटैक) के संस्थापक सदस्य हैं. उन्होंने 'अ सेकेंड पैराडाइज', 'अ डेजर्ट किंगडम', 'द गार्डन ऑफ लाइफ' नामक पुस्तक भी लिखी है.

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