जानिए वजीरपुर असेंबली का सबसे बदहाल इलाका कौन सा है?

नालियों की साफ-सफाई ना होने से नाली का गंदा पानी लोगों के घर में घुसता है और कई-कई दिनों तक लोगों को इस गंदे पानी में रहना पड़ता है.

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वजीर पुर विधान सभा क्षेत्र वजीर पुर विधान सभा क्षेत्र

सुरभि गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 9:12 PM IST

एमसीडी चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं. राजनितिक पार्टियों की आपसी उठापटक बढ़ती जा रही है. एक तरफ जहां लोगों को रिझाने के लिए पार्टियों की तरफ से अलग-अलग स्टंट्स किए जा रहे हैं, वहीं आम जनता अपने पार्षदों के पिछले पांच वर्षों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में लगी है. वजीर पुर असेंबली के चारों वार्डों की समस्या दिल्ली के बाकी इलाकों से मिलती जुलती है, पर वजीर पुर की जेजे कॉलोनी की हालत बहुत खराब है.

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खुली पड़ी हैं नालियां
वजीर पुर वार्ड की जेजे कॉलोनी में समस्याओं का अंबार है. खुली पड़ी नालियां और टूटी हुई सड़कें इस इलाके की तकदीर बन गई हैं. खुली नालियां घरों के ठीक सामने से गुजरती हैं. खुली पड़ी नालियों की सफाई भी नहीं होती, जिससे गंदी बदबू और मच्छर लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत हैं.

गंदे पानी के चलते हुई मौत
नालियों की साफ-सफाई ना होने से नाली का गंदा पानी लोगों के घर में घुसता है और कई-कई दिनों तक लोगों को इस गंदे पानी में रहना पड़ता है. नाली के अंदर से पीने के पानी की पाइप लाइन लगाई गई है, जिसका नतीजा ये है कि पीने के पानी में नाली का गंदा पानी मिल जाता है और बीमारियां होती हैं. खुली पड़ी नालियों की बदबू के चलते सांस की बीमारियों से भी लोग परेशान हैं. बीमारियो के चलते कई मौतें भी हो चुकी हैं, पर कोई सुनने वाला नहीं है.

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गंदगी से भरे हैं इलाके के पार्क
सावन पार्क के बुनकर कॉलोनी में एमसीडी के पार्कों का बुरा हाल है. इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि पार्क होने के बावजूद बच्चे या बड़े वहां घूम नहीं सकते क्योंकि वहां गंदगी फैली रहती है. इलाके के अमूमन सभी पार्कों का एक जैसा ही हाल है, जिनका रखरखाव सही तरीके से नहीं होता.

MCD से परेशान उसी के कर्मचारी
शिव कुमार और बाबू लाल दोनों ही एमसीडी के कर्मचारी हैं. निमरी वार्ड के नगर निगम में 20 वर्षों से काम करने वाले शिव और बाबू दोनों ही वेतन मिलने में हो रही देरी से परेशान हैं. इनका कहना है कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें समय पर वेतन नहीं मिला है. इसके अलावा सफाई करने के लिए भी वे अपने पैसों से सामान खरीदते हैं, जिसका भुगतान नहीं किया जाता.

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