सत्ता के सिंघासन पर नरेंद्र मोदी की सरकार ने मंगलवार को एक साल पूरे किए हैं. कामकाज और घोषणाओं के बीच प्रधानमंत्री के 365 दिन बीते हैं, लेकिन दिलचस्प है कि 366वें दिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी से पहली औपचारिक मुलाकात की है. दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक प्रधानमंत्री आवास में बातचीत हुई और मोदी ने मनमोहन सिंह से आर्थिक मुद्दों पर सुझाव मांगे.
राष्ट्रीय राजधानी के 7 आरसीआर पर बुधवार शाम मुलाकात का माहौल खुशनुमा रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर इसकी सूचना फोटो के साथ साझा की.
नीतिगत मामलों पर भी उठाए सवाल
देखा जाए तो मोदी सरकार पर मनमोहन सिंह का यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है. अर्थशास्त्र के जानकार मनमोहन ने न सिर्फ राजनीतिक आरोप लगाए बल्कि बीजेपी सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है. गांवों में रहने वाली देश की 65 फीसदी आबादी संतुष्ट नहीं है. निर्यात में कमी आ रही है. बीजेपी सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा, लेकिन पिछले एक साल में बीजेपी सरकार कई आंकड़ों और तथ्यों को गढ़कर यह जताने की कोशिश कर रही है कि अर्थव्यवस्था की हालत उतनी खराब नहीं है.
मनमोहन ने बीजेपी के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि यूपीए सरकार पॉलिसी पैरालिसिस की शिकार थी. मनमोहन ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान औसत सालाना विकास दर साढ़े आठ फीसदी थी जो कि एक रिकॉर्ड रही. चीन के बाद भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकास करने वाले देश था.
हालांकि मोदी और मनमोहन की यह मुलाकात ऐसे समय में भी हुई है जब खासतौर से कोयला घोटाले में मनमोहन सिंह से सीबीआई पूछताछ कर रही है और मनमोहन सरकार को घोटालों की सरकार कहकर मोदी सरकार अपने अच्छे काम भी गिना रहे हैं.
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