मां की वजह से महिलाओं के प्रति बना मेरा दृष्टिकोण: प्रसून जोशी

साहित्य आजतक 2018 के दूसरे दिन दस्तक दरबार के अहम सत्र में कवि, गीतकार और लेखक प्रसून जोशी ने शिरकत की. उन्होंने रचनात्मकता के नाम पर द्विअर्थी गानों का विरोध किया.

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प्रसून जोशी प्रसून जोशी

पुनीत उपाध्याय

  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST

ह्यूमर के नाम पर महिलाओं के गलत चित्रण को प्रसून ने गलत माना है. साहित्य आजतक 2018 के दूसरे दिन दस्तक दरबार के अहम सत्र में कवि, गीतकार और लेखक प्रसून जोशी ने शिरकत की. उन्होंने रचनात्मकता के नाम पर द्विअर्थी गानों का विरोध किया. इसके अलावा उन्होंने अपने जीवन में महिलाओं को लेकर बने दृष्टिकोण पर बातें कीं.

प्रसून ने कहा, "मुझे ह्यूमर या रचनात्मकता के नाम पर महिलाओं का गलत चित्रण पसंद नहीं है. जरूरत इस बात की है कि ऑडियंस को जो चीज सुनने लायक नहीं हैं उसे रिजेक्ट करनी होगी. रिजेक्ट करना शुरू करेंगे तो बदलाव होगा. ये जरूरी भी है. अगर महिलाओं के चित्रण की बात करेंगे तो तमाम चीजें सही नहीं हैं. कहीं न कहीं हमने तमाम छूट दे रखी है. वो चाहे ह्यूमर के नाम पर मजाक ही क्यों न हो. मुझे उस मजाक से परहेज है."

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प्रसून के साथ इस सत्र का संचालन श्वेता सिंह ने किया. प्रसून सेंसर बोर्ड के चीफ हैं. उन्होंने कहा, "महिलाओं के प्रति उनके दृष्टिकोण का श्रेय उनकी मां समेत उन महिलाओं को देना चाहिए जिन्होंने उनके जीवन में अनेक भूमिकाएं अदा की है. मां से शुरू होते हुए बहन, पत्नी और मित्रों ने इस दृष्टिकोण को हमेशा सही दिशा में रखने में मदद की है."

प्रसून ने कहा, "महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण को सही करने का काम सोच में परिवर्तन से होगा और यह परिवर्तन जोर-जबरदस्ती से नहीं बल्कि आत्मचिंतन से संभव है." सत्र के दौरान प्रसून ने बोला कि उन्हें इस बात से आपत्ति है कि महिलाओं के लिए हाउसवाइफ की संज्ञा दी जाती है अथवा उन्हें नॉनवर्किंग कहा जाता है. ऐसी संज्ञा उस दायित्व को पूरी तरह से नकारता है जिससे वह एक शिशु को बड़ा कर काम करने लायक बनाती है.

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बता दें कि 'साहित्य आजतक' का आयोजन दिल्ली के इंडिया गेट स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 16, 17 और 18 नवंबर को हो रहा है. दूसरे दिन की शुरुआत प्रसून जोशी के साथ हुई. यह महाकुंभ इस बार सौ के करीब सत्रों में बंटा है, जिसमें 200 से भी अधिक विद्वान, कवि, लेखक, संगीतकार, अभिनेता, प्रकाशक, कलाकार, व्यंग्यकार और समीक्षक शिरकत कर रहे हैं.

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