1,009* रन बनाने वाले प्रणव ने इसलिए लौटाई लाखों की स्कॉलरशिप

प्रणव और उनकी फैमिली ने लाखों रुपए की स्कॉलरशिप यह कहते हुए बंद करने की गुजारिश की है कि प्रणव अब उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं इसलिए वे यह पैसे नहीं ले सकते.

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प्रणव धनावड़े प्रणव धनावड़े

विश्व मोहन मिश्र

  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

स्कूल लेवल पर एक क्रिकेट मैच में सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए नॉट आउट 1,009 रन बनाने वाले प्रणव धनावड़े एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार किसी बड़ी पारी नहीं, बल्कि अपनी नाकामी और उससे भी ज्यादा उसके बाद दिखाई गई दिलदारी के कारण. प्रणव और उनकी फैमिली ने लाखों रुपए की स्कॉलरशिप यह कहते हुए बंद करने की गुजारिश की है कि प्रणव अब उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं इसलिए वे यह पैसे नहीं ले सकते.

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16 साल की उम्र में प्रणव ने बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड

पिछले साल जनवरी में 16 साल के धनावड़े ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था. भंडारी ट्राफी के तहत इंटर-स्कूल यू-16 में केसी गांधी की ओर से खेलते हुए उन्होंने आर्य गुरुकुल के खिलाफ धमाकेदार पारी खेली थी. इसके बाद वे हाईलाइट हो गए थे. उनके पिता पेशे से ऑटो ड्राइवर थे और इस पारी के बाद उन्हें आर्थिक मदद देने के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने स्कॉलरशिप दी थी. इसके तहत उन्होंने अगले पांच साल तक हर महीने 10 हजार रुपए मिलना तय हुआ था.

क्यों लिया स्कॉलरशिप लौटाने का फैसला?

धमाकेदार पारी के बाद प्रणव चर्चाओं में तो आए पर उसके बाद उन्होंने कोई कमाल नहीं कर पाया. मुंबई U-19 में भी वह जगह नहीं बना पाए. उनके पिता प्रशांत धनावड़े और कोच मोबिन शेख ने माना कि लोकल लेवल पर भी वह अच्छे स्कोर नहीं कर पा रहा है. हालांकि, कल्याण में उसे उस हिसाब की ट्रेनिंग नहीं मिल पाई. इसी के बाद धनावड़े के पिता ने MCA को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि तत्तकाल प्रभाव से स्कॉलरशिप बंद कर दी जाए.

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पिता का क्या कहना है?

ऑटो रिक्शा चला कर अपनी जीविका चलाने वाले प्रणव के पिता प्रशांत का कहना है कि हम एमसीए के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने हमें मदद दी. चूंकि, डेढ़ साल में प्रणव उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके इसलिए हम ये पैसे अब नहीं ले सकते. अगर आगे प्रणव अच्छा प्रदर्शन करेगा तो एमसीए उसे फिर स्कॉलरशिप देने के बारे में सोच सकता है.

कहा जा रहा है कि एमसीए ने पहले ही 1,20,000 रुपए मंजूर कर दिए हैं, हालांकि, प्रशांत का कहना है कि हमें मिला नहीं है.

कमेंट और बयानों के कारण भटका प्रणव का ध्यान

स्कॉलरशिप लौटाने का फैसला प्रणव और कोच ने मिलकर लिया है. कोच का कहना है कि प्रणव उस धमाकेदार पारी के बाद अच्छे से खेल नहीं पा रहा है. वह दबाव महसूस कर रहा है. कई लोगों को लगता है, लोग कमेंट करते हैं कि उस पारी के बाद प्रणव ने भारी भरकम पैसा बना लिया था. लोग कहने लगे थे कि प्रणव को बांद्रा में घर मिलने वाला है. ये सब फर्जी बाते हैं. इसलिए हम पैसे लेकर बाद में ये नहीं सुनना चाहते कि पैसे भी लिया और कुछ किया नहीं.

प्रणव ने रिकॉर्ड पारी में जमाए थे 59 छक्के

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धनवाड़े ने 395 मिनट तक चली अपनी इस पारी में 129 चौके और 59 छक्के जमाए. उनकी इस ऐतिहासिक पारी का अंत तब हुआ जब उनकी टीम ने तीन विकेट पर 1495 के स्कोर पर पारी समाप्त घोषित की. यह भी विश्व रिकॉर्ड है. धनावड़े की स्कूल ने विक्टोरिया के न्यूसाउथ वेल्स के खिलाफ 1926 में बनाए गए 1107 रन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.

धनावड़े के नाम पर अब भी किसी तरह की क्रिकेट में एक पारी में सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड दर्ज हो गया. उन्होंने ब्रिटेन के एईजे कोलिन्स का क्लार्क हाउस के खिलाफ नार्थ टाउन में 1899 में बनाए गए नाबाद 628 रन के रिकॉर्ड को तोड़ा.

दसवीं में पढ़ने वाला प्रणव एमसीए के अनुभवी कोच मोबिन शेख का शिष्य है और वह ऑटोरिक्शा चालक का एकमात्र बेटा है. ठाणे के निकट कल्याण के वायलेंगर मैदान पर खेले गये मैच में उनकी टीम ने यह विशाल स्कोर अपने प्रतिद्वंद्वी के 17 ओवर में 31 रन पर आउट होने के जवाब में बनाया.

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