पीएम मोदी के आह्वान का असर, विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर हुआ कैशलेस

नोटबंदी के 50 दिन पूरे होते-होते ही बिहार में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर हुआ डिजिटल. जिलाधिकारी ने की कैशलेस ट्रांजैक्शन की शुरुआत.

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महाबोधि मंदिर महाबोधि मंदिर

रोहित कुमार सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 01 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:54 AM IST

नोट बंदी लागू करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से कैशलेस व्यवस्था की तरफ आगे बढ़ने का आह्वान किया था और इसे लेकर केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार भी कर रही है कि किस तरीके से डिजिटल भुगतान और कैशलेस ट्रांजैक्शन का लोग इस्तेमाल करें. प्रधानमंत्री की इस पहल का व्यापक असर भी देखने को मिल रहा है. इसकी ताजी मिसाल है बिहार का विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर जो अब पूरी तरीके से कैशलेस हो चुका है.

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नई व्यवस्था लागू होने के बाद देश और विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु अब महाबोधि मंदिर में डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे. इसी के जरिए दान-दक्षिणा भी कर सकेंगे. इस नई व्यवस्था की शुरुआत शनिवार को गया के जिलाधिकारी रवि कुमार ने महाबोधि मंदिर के प्रांगण में दीप प्रज्वलित करके की.

इस व्यवस्था के उद्घाटन के बाद बौद्ध भिक्षु ने अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हुए 500 रुपए महाबोधि मंदिर ट्रस्ट को दिए. गौरतलब है कि महाबोधि मंदिर के तमाम काउंटरों पर स्वाइप मशीन की सुविधा शुरू हो चुकी है. जिसके बाद से यह विश्व प्रसिद्ध मंदिर पूरी तरह से कैशलेस हो चुका है.

गया जिला के जिलाधिकारी रवि कुमार कहते हैं कि नोट बंदी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने महाबोधि मंदिर में भी कैशलेस ट्रांजैक्शन सुविधा शुरू कर दी ताकि देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को दान करने में किसी प्रकार की असुविधा ना हो. इसके लिए बोधगया टेंपल मैनेजमेंट ने स्वाइप मशीन भी लगाया है.


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