चीनी सेना की धमकी- किसी भी कीमत पर करेंगे संप्रभुता की रक्षा, सेना हटाए भारत

1 अगस्त को पीएलए की 90 वीं वर्षगांठ से पहले एक विशेष ब्रीफिंग में पीएलए ने डॉकलाम पर एक मजबूत संदेश दिया है. PLA की तरफ से साथ ही कहा गया है कि डोकलाम में तैनाती भी बढ़ाई जाएगी.

Advertisement
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान

कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह / अनंत कृष्णन

  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में भारत के साथ सैन्य तनातनी के बीच चीन लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. चीन की सरकार के बाद अब पहली बार चीनी सेना ने भी डोकलाम को लेकर धमकी दी है. चीनी सेना ने जारी अपने बयान में चेतावनी के लहजे में कहा है कि डोकलाम से भारत की सेना पीछे हट जाए नहीं तो हम अपनी संख्या और बढ़ा देंगे. गौरतलब है कि डोकलाम को लेकर भारत और चीन में काफी दिनो से तनाव जारी है. आए दिन चीन की सरकार की ओर से धमकी आती रहती है लेकिन ये पहली बार है कि चीनी सेना ने बयान जारी कर गीदड़भभकी दी है. चीनी सेना ने कहा है कि वो संप्रभुता की रक्षा के लिए कुछ भी करेंगे. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारत से कहा है कि किसी भी कीमत पर संप्रभुता की रक्षा की जाएगी.

Advertisement

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू क़ियान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "एक पहाड़ को हिलना आसान है, लेकिन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को हिलाना बहुत मुश्किल." उन्होंने आगे कहा कि चीन अपने क्षेत्र और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपनी क्षमता 'लगातार मजबूत' कर रहा है.

1 अगस्त को पीएलए की 90 वीं वर्षगांठ से पहले एक विशेष ब्रीफिंग में पीएलए ने डॉकलाम पर एक मजबूत संदेश दिया है. PLA की तरफ से साथ ही कहा गया है कि डोकलाम में तैनाती भी बढ़ाई जाएगी. राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने कहा कि पिछले 90 वर्षों में पीएलए का इतिहास संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हमारे संकल्प, क्षमता को साबित करता है.

पीएलए ने यह भी कहा कि इस घटना के जवाब में एक "आपातकालीन प्रतिक्रिया" के तौर पर क्षेत्र में और अधिक चीनी सेना उतार सकती है. इसके साथ ही वरिष्ठ कर्नल वू कि़आन ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता से डोकलाम पठार पर चीन के सड़क निर्माण का पक्ष भी रखा. आपको बता दें कि डोकलाम को डोंगलंग के नाम से संबोधित करता है.

Advertisement

कि़आन ने कहा, "जून के मध्य में, चीनी सेना ने एक सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी ली थी. डोंगलंग चीन का क्षेत्र है और चीन का अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण करना एक सामान्य घटना है. यह चीन की संप्रभुता का कार्य है और वैध है."

उन्होंने आगे कहा, "भारत द्वारा चीन के क्षेत्र में घुसना परस्पर मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक गंभीर उल्लंघन है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है. हम अपनी संप्रभुता की रक्षा किसी भी कीमत पर करेंगे."

वरिष्ठ कर्नल वू ने कहा, "हम भारत से दृढ़ता पूर्वक आग्रह करते हैं कि वह अपने सैनिकों को दोनों देशों की सीमा रेखा से वापस बुलाए. यह समस्या को निपटाने के लिए आधार है. शांति और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा दोनों चीनी और भारतीय लोगों के हितों के साथ हो."

उन्होंने आगे यह भी कहा, "हम दृढ़ता आग्रह करते हैं कि भारत अपनी गलतियों को सही करे और अपने उकसाने वाले कामों को समाप्त करे. और संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीनी पक्ष के साथ मिल कर काम करे."

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement