पीयूष गोयल ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल को अभी 105 ट्रेनें रोजाना चलाने की जरूरत है, वहीं अनकन्फर्म्ड समाचार है कि अगले 30 दिनों के लिये उन्होंने सिर्फ 105 ट्रेनों की अनुमति लिस्ट तैयार की है. यह पश्चिम बंगाल के कामगारों के साथ क्रूर मजाक है.
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि कल मेरे वक्तव्य के बाद पश्चिम बंगाल सरकार अपनी गहरी नींद से जगी. वहां की सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिये अब तक सिर्फ 7 ट्रेनों की अनुमति दी है. बड़ी संख्या में कामगार अपने घरों से दूर हैं, इसलिए मैंने उनसे अधिक ट्रेन चलाने की परमिशन देने की अपील की थी.
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मजदूरों को घर आने से रोक रही ममता सरकार!
पीयूष गोयल ने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल बंगाल सरकार से अपील करता हूं कि कोरोना महामारी के इस संकट से उबारने में हमारे मजदूर भाईयों के हितों के बारे में कुछ सोचे, और उन्हें घर पहुंचाने के लिये जल्द से जल्द श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने की अनुमति दे.
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 15 दिन से भी कम समय में 400 ट्रेनों को मंजूरी देकर अपने प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाया. इस तरह की सक्रियता दिखाने की बजाय पश्चिम बंगाल की सरकार मजदूरों को जल्दी सहायता पहुंचाने से रोक रही है. गरीब मजदूरों को वहां की सरकार अपने घर नही आने दे रही है.
TMC ने जताया ऐतराज
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने पीयूष गोयल की टिप्पणी ऐतराज जताया है. डेरेक ओ ब्रयान ने कहा कि तस्वीरें जूठ नहीं बोलती हैं. ट्रॉली बैग पर बच्चे की तस्वीर. प्रवासी मजदूरों की दिल झकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. यह सब तब हो रहा है जब 23 मिलियन लोगों को ढोने वाली रेलवे के मंत्री आप बने हैं. मजदूरों को कुछ ही दिनों में घर भेजा जा सकता था, लेकिन नहीं भेजा गया.
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डेरेक ने कहा कि मंत्री इस स्मारकीय संकट के दौरान नदारद रहे हैं जब लाखों गरीब प्रवासी श्रमिकों को छोड़ दिया गया है. मजदूर खुद से जाने के लिए छोड़ दिए गए हैं. पूरे देश में वे फंसे हुए हैं. मजदूर अपने परिवार के साथ सुरक्षित घरवापसी के लिए सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं.
पॉलोमी साहा