अन्ना के समर्थन में पानी की टंकी पर चढ़े उनके गांव वाले, की ये मांग

गांव के 15 से 20 युवक और बुजुर्ग टंकी पर सुबह ही चढ़ गए और पानी की टंकी से अन्ना हजारे की मांगों को तुरंत पूरी करने के नारे लगाते रहे. एक बुजुर्ग ने सरकार पर आरोप लगाया कि अन्ना के अन्दोलन की तरफ धयान नहीं देना, ये इस सरकार की सोची समझी साजिश है. गांव वालों को अन्ना के सेहत की चिन्ता है.

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अन्ना हजारे अन्ना हजारे

अजीत तिवारी / पंकज खेळकर

  • रालेगण,
  • 27 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 4:48 AM IST

समाज सेवी अन्ना हजारे का आमरण अनशन लगातार जारी है. सरकार अन्ना हजारे की मांग पर कोई कदम नहीं उठा रही है. इस विरोध में सोमवार को रालेगण सिद्धि में गांव वालों ने फिल्म शोले के स्टाइल में उनका समर्थन किया. लोगों ने गांव के पानी की टंकी पर चढ़कर आंदोलन शुरू किया है. साथ ही गांव वालों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द मांगे पूरी नहीं की तो वो टंकी से नीचे छलांग लगा कर जान देंगे.

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गांव के 15 से 20 युवक और बुजुर्ग टंकी पर सुबह ही चढ़ गए और पानी की टंकी से अन्ना हजारे की मांगों को तुरंत पूरी करने के नारे लगाते रहे. एक बुजुर्ग ने सरकार पर आरोप लगाया कि अन्ना के अन्दोलन की तरफ धयान नहीं देना, ये इस सरकार की सोची समझी साजिश है. गांव वालों को अन्ना के सेहत की चिन्ता है.

उन्होंने कहा कि अन्ना सारे देश के लिये अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. अन्ना की उम्र 80 हो गयी है. ऐसे में आमरण अनशन करने से अन्ना के शरीर पर विपरीत असर हो सकता है. अन्ना हैं कि जिद्द पर अड़े हैं और मोदी सरकार को सिर्फ झूठे आश्वासन देने के सिवा कुछ नहीं आता.

जैसे ही ये बात नगर कलेक्टर के दफ्तर में पता चली कि गांव वाले पानी की टंकी पर चढ़ गए हैं तो तहसीलदार आननफानन में रालेगन पहुंचे और लोगों को आश्वासित किया और कहा कि जल्द ही सरकार की ओर से कोई अन्ना हजारे से बातचीत करने वाला है. इसके बाद गांववाले टंकी से उतरे.

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