मुझे चेंज चाहिए-बाजार में नहीं मिल रहे छुट्टे पैसे

नोटबंदी के बाद बाज़ार में बुरा हाल है, कई मार्केट तो बंद ही है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने की है. बड़े बड़े और थोक बाजार बंद है, लेकिन रीटेल मार्केट में लोग एक दूसरी समस्या से भी जूझ रहे हैं.

Advertisement
500-1000 के नोट बंद 500-1000 के नोट बंद

सबा नाज़ / कपिल शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST

नोटबंदी के बाद बाज़ार में बुरा हाल है, कई मार्केट तो बंद ही है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने की है. बड़े बड़े और थोक बाजार बंद है, लेकिन रीटेल मार्केट में लोग एक दूसरी समस्या से भी जूझ रहे हैं. ये समस्या है छुट्टे पैसे की. 8 नवंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि अब 500 और 1000 के नोट नहीं चलेंगे, तो हड़कंप मच गया. काले धन पर रोक लगाने की कोशिश की तारीफ तो हुई, लेकिन परेशानी तब सामने आई जब लोग नए नोटों के लिए भटकते रहे. यही नहीं अपने पुराने नोटों को चेंज कराने की व्यवस्था में लोग मशक्कत करते दिखे.

Advertisement

हालांकि पुराने नोटों को बदलने के लिए सरकार ने एक पूरा प्लान बताया. खाते में जमा कराने के अलावा एटीएम और एक्सचेंज की व्यवस्था लागू की, लेकिन ये सब नाकाफी साबित हुए. सबसे बड़ी समस्या आम लोगों के लिए चेंज की है, क्योंकि लोगों के पास पुराने नोट हैं, उनके बदले अभी तक बैंकों से दो हज़ार का नोट मिल रहा था, इससे लोगों के पुराने और चलन से बाहर हो चुके नोट तो बदल गए, लेकिन मार्केट में दो हज़ार के नोट के बदले खुल्ले या छुट्टे पैसे नहीं मिल रहे. देश की अर्थव्यवस्था में करीब 86 फीसदी हिस्सा बड़े नोटों यानि पांच सौ और हज़ार के नोटों का था, मतलब बाज़ार में पहले ही 100 और 50 रुपए जैसे छोटे नोट कम मात्रा में थे, ऐसे में जब करेंसी का एक ब़डा हिस्सा चलन से बाहर कर दिया गया, तो छोटे नोटों की कमी भी स्वाभाविक थी.

Advertisement

एलएनजेपी हॉस्पिटल के सामने केमिस्ट चलाने वाले नवीन मित्रा इसी समस्या से परेशान हैं, अखबारों और बयानों में बताया गया है कि केमिस्ट शॉप पर पांच सौ और हज़ार के नोट लिए जा सकते हैं, लेकिन अब दिक्कत ये आ रही है, कि लोग पुराने नोटों को ठिकाने लगाने के लिए केमिस्ट शॉप पर पहुंच रहे हैं. दवा भले ही दस रुपये की लेनी हो, ग्राहक भुगतान 500 या 1000 के नोट में ही करना चाह रहे हैं, ऐसे में दुकानदारों के पास छुट्टे पैसे की कमी हो गई है. नवीन मित्रा के मुताबिक ऐसी स्थिति में उनके पास ग्राहक को वापस भेजने के अलावा कोई चारा नहीं बचता. इसके अलावा जो नियमित ग्राहक हैं उनसे चेंज के बदले बैलेंस की स्लिप का सिस्टम बनाना पड़ा है, जिसमें बचे हुए पैसों को आने वाले दिनों में एडजस्ट किया जा रहा है.

यही नहीं अस्पताल में भर्ती अपने मरीज़ के लिए दवाई लेने आए दीपक के पास दो हज़ार का नोट था, बिल 180 रुपये का बना, लेकिन मुश्किल ये थी कि दुकानदार के पास चेंज नहीं थे और दीपक के पास पैमेंट करने के लिए छोटे नोट. ऐसे में परेशानी अब इस बात की है कि चेंज कहां से आये. अब बैंकों के पास भी 2000 के अलावा 500 का नया नोट भी आ गया है, साथ ही एटीम से भी 500 का नोट दिए जाने की व्यवस्था करने का दावा किया जा रहा है. उम्मीद करनी चाहिए कि आने वाले दिनों में मार्केट में सरकार छोटे नोट भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में चलन में लाएगी, ताकि छुट्टे की समस्या खत्म की जा सके.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement