नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में बिहार में विपक्ष ने 29 जनवरी को बंद बुलाया है. इसके अलावा बिहार में विपक्षी दलों ने विरोध स्वरूप 25 जनवरी को मानव शृंखला बनाने का ऐलान किया है. फुलवारी शरीफ के इमारते शरिया में बुधवार को हुई बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), आरएलएसपी समेत कई पार्टियां शामिल हुईं, जिसमें ये फैसला लिया गया.
इससे दो दिन पहले भी बिहार में मानव शृंखला बनाई गई थी जिसे सरकार का समर्थन प्राप्त था. हालांकि यह शृंखला किसी राजनीतिक मुद्दे पर न होकर पर्यावरण संरक्षण के लिए थी. 'जल-जीवन-हरियाली' अभियान के साथ नशामुक्ति, बाल विवाह रोकथाम और दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर जागरूकता अभियान के तहत रविवार को राज्यभर में पांच करोड़ से ज्यादा लोगों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर मानव शृंखला बनाई थी. इस पर विपक्ष ने निशाना साधा था. अब विपक्ष खुद सीएए के खिलाफ मानव शृंखला बनाने जा रहा है.
बिहार में आरजेडी, कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, आरएलएसपी और पप्पू यादव की जनअधिकार पार्टी बंद में हिस्सा लेगी. आरजेडी ने कुछ दिन पहले भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान बंद समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था. पटना सहित कई इलाकों में वाहनों के शीशे तोड़े गए और मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया गया.
पटना सहित कई स्थानों पर रेल मार्ग अवरुद्ध किया गया तो कई इलाकों में सड़क जाम कर सड़कों पर आगजनी की गई, जिससे आने-जाने वालों को परेशानी का समाना करना पड़ा. इस बीच, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित कई प्रमुख नेता भी सड़क पर उतरे. बिहार की तरह दिल्ली में भी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने 29 जनवरी को भारत बंद का आह्वान किया है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार सीएए वापस ले नहीं तो विरोध आगे भी चलता रहेगा.
सुजीत झा