धारा 370 पर बीजेपी के खिलाफ JDU, कहा, NDA में रहकर करेंगे विरोध

केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी धारा 370 पर कोई समझौता नहीं करेंगे. समान नागरिक संहिता पर बात की जानी चाहिए. बहरहाल, इस फैसले को बीते महीने केंद्र में नई सरकार से जेडीयू के बाहर रहने का विकल्प चुन लेने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री का बीजेपी को दिए गए जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.

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केसी त्यागी और नीतीश कुमार (फाइल फोटो) केसी त्यागी और नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

सुजीत झा

  • पटना,
  • 09 जून 2019,
  • अपडेटेड 8:56 PM IST

जनता दल-युनाइटेड (जेडीयू) धारा 370 हटाने का विरोध तो करेगी, लेकिन एनडीए में रहकर. पटना में आयोजित जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि बिहार में एनडीए बीजेपी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी. इसमें कही कोई भ्रम की स्थिति नहीं है.

जेडीयू लगातार कहती रही है कि वो बीजेपी के साथ है, लेकिन उसके मुख्य मुद्दों का वो विरोधी करती है जिसमें धारा 370 हटाने 35 ए समान आचार संहिता और राम मंदिर का मामला प्रमुख है. इन चारों विषयों को लेकर जेडीयू एनडीए में रहकर विरोध करती रही है. चुनाव के आखिर चरण के पहले तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि इन मुद्दों पर पार्टी कोई समझौता नहीं करेगी.

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पार्टी का मानना है कि राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर वो कोर्ट जो फैसला करेगा वही मानेगी. बीजेपी के नेता मंदिर निर्माण को लेकर बार-बार बयानबाजी करते रहते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि अब तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी कोर्ट की बात करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माना है कि कोर्ट का जो फैसला होगा या फिर आपसी सहमति से ही अयोध्या में राममंदिर का निर्माण होगा. तो इस मुद्दे पर बीजेपी और जेडीयू का मतभेद अब नहीं के बराबर है. रहा समान आचार संहित का मामला उस पर पार्टी का विचार है कि उस धर्म के लोगों को विश्वास में लेकर लागू करने में कोई आपत्ति नहीं है

जहां तक धारा 370 हटाने की बात है तो यह निश्चित रूप से एक बड़ा मुद्दा था. जेडीयू और बीजेपी में इसे लेकर जबरदस्त मतभेद रहा है, लेकिन पूर्ण बहुमत की सरकार अगर धारा 370 हटाती भी है तो जेडीयू एनडीए में रहकर उसका विरोध करेगी. ऐसे कई मुद्दे हैं जिसमें पार्टी ने ऐसा स्टैड लिया है. तीन तलाक के मुद्दे पर ही जेडीयू ने कानून के विरोध में वोट दिया. इससे स्थितियां साफ हो गईं कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन जारी रहेगा और दोनों 2020 का चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे.

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बहरहाल, जेडीयू ने रविवार को फैसला किया कि वह बिहार के बाहर बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा नहीं होगा. जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के आधिकारिक आवास पर हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी ने जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों में अकेले उतरने का फैसला लिया.

साथ ही पार्टी ने कहा कि वह कश्मीर में धारा 370 पर कोई समझौता नहीं करेगा. वह एनडीए में रहते हुए भी इसका विरोध करेगा.प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के नेता केसी त्यागी ने बताया कि 2020 का विधानसभा चुनाव हम एनडीए के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे. दिल्ली, हरियाणा, झारखंड और जम्मू कश्मीर में पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे.

उन्होंने केंद्रीय सरकार में शामिल होने के मुद्दे पर कहा कि जदयू की तरफ से कोई नाम नहीं दिया गया था, 30 तारीख को भी शपथ ग्रहण के दिन भी फोन किया था लेकिन नीतीश कुमार ने मना कर दिया, किसी का नाम ही नहीं दिया गया. रविवार को भी उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में हिस्सा नहीं होगा, हल्कि बाहर से समर्थन जारी रहेगा.

केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी धारा 370 पर कोई समझौता नहीं करेंगे. समान नागरिक संहिता पर बात की जानी चाहिए. बहरहाल, इस फैसले को बीते महीने केंद्र में नई सरकार से जेडीयू के बाहर रहने का विकल्प चुन लेने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री का बीजेपी को दिए गए जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. जदयू को कथित तौर पर कैबिनेट में एक सीट देने का प्रस्ताव दिया जा रहा था.

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