नए साल के दूसरे ही दिन पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले ने देश के सीने पर पुराने घाव को फिर से ताजा कर दिया. हमले के दो दिन बाद यानी 4 जनवरी को एयरबेस के अंदर अचानक फायरिंग फिर से शुरू हो गई थी, जिसके बाद मीडिया जगत से लेकर सियासी महकमे तक हलचल मच गई. सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि दो आतंकी छिपे हुए हैं, जबकि आधे घंटे तक फायरिंग के बाद पुष्टि हुई कि वो असल में दो जंगली सूअर थे.
क्या है थर्मल इमेजिंग डिवाइस
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक, कॉम्बिंग ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना के अधिकारी हेलिकॉप्टर से एयरबेस की निगरानी कर रहे थे. उनके पास थर्मल इमेजिंग डिवाइस थे, जो शरीर के ताप को भांपकर छिपे हुए की जानकारी देती है. इसी तकनीक के आधार पर 4 जनवरी को सुरक्षाकर्मियों ने मैसेज दिया कि दो आतंकी बेस हैंगर की तरफ बढ़ रहे हैं. इनपुट मिलते ही फायरिंग शुरू हो गई, लेकिन बाद में साफ हुआ कि नजर आने वाले आतंकी नहीं बल्कि जंगली सूअर थे.
खबर के मुताबिक, इनपुट मिलने के बाद सेना की ओर से पहले सावधान किया गया. लेकिन जब काफी देर तक कोई जवाब नहीं मिला तो फायरिंग शुरू कर दी गई. इस दौरान रुक-रुक कर करीब आधे घंटे तक फायरिंग की गई. एयरफोर्स ने फाइटर हेलिकॉप्टर भी आसमान में तैनात कर दिए गए. लेकिन करीब 30 मिनट के बाद खुलासा हुआ कि इमेजिंग डिवाइस में जो आकृति दिखी वह जंगली सूअर हैं.
स्वपनल सोनल